कहते हैं वक्त बदलते देर नहीं लगती. इंसान एक झटके में अर्श से फर्श और फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है. लेकिन इन हालातों में खुद को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होता है. ऐसी ही एक मिसाल तमिलनाडु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर रियाजुद्दीन ने पेश की. जिसने दुनिया को बता दिया कि मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यों न हो, लेकिन इंसान को कभी हौसला नहीं हारना चाहिए. मेहनत और हिम्मत से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है.
रियाजुद्दीन ने बताया कि वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता था. एक दिन अचानक उसे नौकरी से निकाल दिया गया. इससे उससे बड़ा झटका लगा, क्योंकि पूरे घर की जिम्मेदारी उसी पर थी. उसने बताया कि वह काफी दिन तक बेरोजगार बैठा रहा. होप, रिजेक्शन और बिलों का भुगतान अंदर ही अंदर से उसे खाए जाने लगा. फिर उसने स्विगी डिलीवरी पार्टनर बनने का किया.
'डूबते हुए की Swiggy बनी सहारा'
रियाजुद्दीन ने बताया कि डिलीवरी बॉय बनने के दौरान उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. चिलचिलाती धूप में चलना, बारिश और देर रात तक डिलीवरी करना उसके लिए आसान नहीं था. लेकिन वह कुछ पाने और घर की जिम्मेदारियों के जूनून में यह सब करते गया. रियाजुद्दीन ने कहा कि Swiggy ने मुझे उस वक्त तैरने का सहारा दिया जब सब डूबता नजर आ रहा था.
रियाजुद्दीन ने लिंक्डइन पर पोस्ट कर अपनी जिंदगी का किस्सा शेयर किया है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए वह सिचुएशन आसान नहीं थी लेकिन उसने मुझे मजबूत बनाया और अमूल्य सबक दिए. जॉब के लिए हर जगह से रिजेक्शन मिलना मेरी उम्मीद को खत्म कर रहा था. मेरे धैर्य ने बैलेंस बनाकर रखा और उम्मीद नहीं मरने दी कि एक दिन हालात सब सही हो जाएंगे और देखिए आज एक नई कंपनी में जॉइन भी कर चुका हूं.
Swiggy ने किया रिप्लाई
सॉफ्टवेयर डेवलपर ने पोस्ट में लिखा, " मैं आभारी हूं कि मैंने एक नई कंपनी के साथ नया अध्याय शुरू किया है. मैं Swiggy के साथ अपने समय को एक उचित विदाई देने के लिए कुछ समय निकालना चाहता हूं. डिलीवरी बॉय के समय ग्राहकों, स्टाफ और स्विगी से मुझे भरपूर सपोर्ट मिला, जब मुझे इसकी सबसे अधिक जरूरत थी. Swiggy ने भी रिजाजुद्दीन के पोस्ट पर कमेंट किया, 'कंपनी आपकी आभारी है कि आपने हमारे साथ काम किया.'
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होप, रिजेक्शन, फिर Swiggy बनी सहारा... दिल छू लेगी इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर की कहानी