क्रिसमस पर बच्चों और बड़ों को खुशी देने वाले सेंटा क्लॉज़ का असली चेहरा आखिर कैसा दिखता होगा? यह सवाल सदियों से लोगों के मन में था. अब, वैज्ञानिकों ने इस रहस्य से पर्दा हटा दिया है. उन्होंने 1700 साल पुराने मायरा के संत निकोलस, जिनसे आधुनिक सेंटा क्लॉज की प्रेरणा मिली, उसका चेहरा फोरेंसिक तकनीकों से पुनर्निर्मित किया है.
संत निकोलस
संत निकोलस की मृत्यु 343 ईस्वी में हुई थी. वह एक दयालु बिशप थे, जो जरूरतमंदों और बच्चों को तोहफे बांटने के लिए जाने जाते थे. उनके इसी गुण ने उन्हें सिंटरक्लास और आगे चलकर फादर क्रिसमस के चरित्र का आधार बना दिया. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक , यह ऐतिहासिक पुनर्निर्माण उनकी खोपड़ी के डेटा का विश्लेषण करके किया गया है.
कैसे बनाया गया चेहरा?
ब्राजील के फोरेंसिक विशेषज्ञ सिसेरो मोरेस और उनकी टीम ने 3D तकनीक का उपयोग करते हुए संत निकोलस का चेहरा फिर से बनाया. यह प्रक्रिया बेहद उन्नत तकनीकों और साहित्यिक वर्णनों पर आधारित थी. मोरेस ने बताया कि संत का चेहरा मजबूत लेकिन जेंटल था, जिसमें चौड़ा माथा, गोल नाक और पतले होंठ प्रमुख थे.
साहित्यिक विवरणों से मेल खाता चेहरा
संत निकोलस का चेहरा 1823 की प्रसिद्ध कविता 'ट्वाज़ द नाईट बिफोर क्रिसमस' के वर्णनों मिलता है. कविता में सांता को 'गुलाबी गालों', 'चौड़े चेहरे' और 'चेरी जैसी नाक' के साथ दर्शाया गया था. वैज्ञानिकों ने बताया कि उनका पुनर्निर्मित चेहरा इन विवरणों के बेहद करीब है. बहरहाल, इस क्रिसमस जब आप सेंटा क्लॉज़ की कहानी सुनें तो यह जानकर खुश हो सकते हैं कि उनके पीछे छिपी प्रेरणा किसी दयालु बिशप की वास्तविक दास्तान है, जिसने सैकड़ों साल पहले प्रेम और उदारता की नींव रखी थी.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
क्रिसमस से पहले वैज्ञानिकों का बड़ा तोहफा! 1700 साल बाद सामने आया असली 'सेंटा क्लॉज' का चेहरा