Paris Olympic 2024 में Weightlifting ने भी भारत की उम्मीदों का काम तमाम किया. बीते दिन क्लीन एंड जर्क के अपने अंतिम प्रयास में Mirabai Chanu 114 किग्रा वजन उठाने में नाकाम रहीं और मेडल की दौड़ से बाहर हो गईं. 8 August मीराबाई चानू का जन्मदिन है. ऐसे में अगर वो मेडल जीत जातीं तो शायद ये खुद को उनका एक बड़ा गिफ्ट होता. इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ओलंपिक में अपने खराब प्रद्रशन के लिए मीराबाई ने Period को जिम्मेदार ठहराया है और तमाम बातें कर सफाई दी है.
अब जबकि सब कुछ ख़त्म हो चुका है. मीराबाई कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन सच यही है कि भारत एक ऐसे इवेंट में मेडल गंवा चुका है जिसपर सारे देश की निगाहें थीं. ये सुनना वाकई अजीब है कि ओलंपिक में अपनी परफॉरमेंस को मीराबाई ने अच्छा माना है और कहा है कि वह उससे बहुत खुश हैं.
अपनी उपलब्धियों पर बात करते हुए उन्होंने ये भी कहा है कि 'मैं वर्ल्ड चैम्पियन बनी. टोक्यो ओलंपिक में मैंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. इस बार भी मैंने कोशिश की, लेकिन इंजरी के कारण, एशियन गेम्स में मेरा क्या हाल हो गया था, यह बात सभी को मालूम है. उसके बाद मैं 4-5 महीने रिहैब में चली गई.
पेरिस ओलंपिक के विषय में बोलते हुए मीराबाई ने कहा कि इसमें बहुत कम टाइम था, मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन ऐसा हो ना सका.' बीते दिन हुए मैच के परिणामों के लिए मीराबाई ने अपनी किस्मत को दोषी माना.
#WATCH | Paris: Indian Weightlifter Mirabai Chanu speaks on finishing 4th in women's 49 kg weightlifting event at #ParisOlympics2024
— ANI (@ANI) August 7, 2024
She says, "I tried my best to win a medal for the country but I missed it today...It is a part of the game, we all sometimes win and sometimes… pic.twitter.com/hPyYCt7AOL
उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें फीमेल की प्रॉब्लम (पीरियड) भी था. पीरियड का आज मेरा तीसरा दिन था. जब मैं लास्ट ओलंपिक में खेल रही थी तब मेरा उस दौरान पीरियड का दूसरा दिन था. लेकिन मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. इस बार मेडल नहीं दे पाई इसके लिए मैं सबसे माफी मांगती हूं. लेकिन यह मेरी किस्मत में नहीं था.
ध्यान रहे कि 49 किग्रा वेट केटेगरी में उतरीं मीराबाई ने स्नैच राउंड में बेहतरीन प्रयास किया था और इस राउंड के बाद तीसरे नंबर पर रही थीं. उन्होंने इस राउंड में 88 किग्रा बेस्ट वजन उठाया था.
इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उनसे काफी उम्मीदें थीं. मगर यहां उन्होंने निराश किया. मीराबाई चानू ने स्नैच में 88 और क्लीन एवं जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया. इससे वह महज एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं.
बहरहाल, हम फिर इसी बात को दोहराएंगे कि चाहे वो पुरानी उपलब्धियां हों या फिर गड़े मुर्दे ,अब उन्हें सामने लाकर कोई फायदा नहीं है. बतौर खिलाडी मीराबाई भविष्य के लिए मेहनत करें और रही बात वर्तमान की तो सच यही है कि वो और भारत दोनों पदक से चूक गए हैं. इतिहास उन्हीं को याद रखता है तो विजय होते हैं.
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Injury और Period... ठीकरा किसी पर भी फोड़ लें, सच यही है मीराबाई चानू Medal से चूक गई हैं!