डीएनए हिंदी: बताया जा रहा है की देश में इस तरह की केवल 3 ही साइकिल हैं जिनका नाम Recumbent है. अब यह साइकिल सिटी Of Joy यानी कोलकाता में भी आ गई है. यह एक ऐसी साइकिल है जिसका पैडल हैंडल के करीब 25 सेंटीमीटर ऊपर होती है. इसका पैडल इस पर सवार शख्स के कंधे की ऊंचाई के आसपास होता है लेकिन इसके बावजूद यह साइकिल हाथ से नहीं बल्कि पैरों से ही चलाई जाती है. 

साइकिल को चलाने का तरीका

जो इस साइकिल को चलाएंगे वो लगभग इसकी सीट पर आधा लेटकर ही चला सकते हैं. बिलकुल relaxed position में अपनी पीठ को back seat के सहारे टिकाकार इस साइकिल को चला सकते हैं. इतना ही नहीं इस पोजीशन में साइकिल को चलाने के बाद इसकी टॉप स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा टाक मापी गई है. 
 
Recumbent cycle के फायदे 

Recumbent साइकिल  का इस्तेमाल करने से कैलोरी बर्न होती है जिससे आप अपने पेट सहित पूरे शरीर का वजन कम कर सकते हैं. कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज, जैसे Recumbent साइकिल और पेट को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज से आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत और समतल करने में मदद मिलेगी. इस साइकिल को चलाने से आपके कमर के दर्द , घुटनों के दर्द और एड़ियों के दर्द से भी आराम मिलता है.

यह भी पढ़ें: सिगरेट छोड़ने पर मिलेगा 40,000 रुपये नकद इनाम, जानिए क्या है पूरी स्कीम

Cycle

कहां पाई जाती है यह साइकिल 

इस साइकिल को आम तौर पर यूरोप में ही देखा गया है और भारत में केवल 3 ही ऐसी साइकिल हैं. देश के किसी भी शोरूम में इसकी बिक्री नहीं होती और ना ही देश की किसी फैक्ट्री में इसे बनाया जाता है लेकिन इस साइकिल को जिसने बनाया है वो इसी देश के हैं और उनका नाम सजल राय है (63 years). इन्होंने Recumbent साइकिल का वीडियो देख कर इसे खुद ही बना डाला. बाकी दो साइकिल पंजाब और तमिलनाडु में हैं और अब तीसरी कोलकाता में भी आ गई. 

क्या कहा साइकिल बनाने वाले सजल ने

जब हमने सजल राय से बात की तो उन्होंने बताया की देश में लॉकडाउन लगने से पहले उनका पेशा मिटटी, फाइबर और crystal टाइल्स से मूर्ति और मिनिएचर बनाने का था लेकिन कोरोना ने उनके काम पर असर डाला. उन्हें काफी नुक्सान झेलना पड़ा. कोरोना ने उन्हें घर पर बैठने को मजबूर कर दिया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने उस समय का सदुपयोग किया. साइकिल का नशा उनको पहले से था और उसी दौरान उन्होंने Recumbent साइकिल को लेकर research शुरू कर दी जब उन्होंने इस अद्भुत साइकिल के बारे में पढ़ा. इधर उधर घूम कर उन्होंने अलग-अलग racing साइकिल के पार्ट्स को इकठ्ठा करना शुरू किया और मात्र 18 दिनों में ही 63 साल के सजल राय ने देश का तीसरा Recumbent साइकिल बना डाली.  

यह भी पढ़ें: भरी क्लास में ठाठ से सोती रही टीचर और स्टूडेंट से करवाती रही हवा, देखें शर्मनाक वीडियो  

 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Kolkata man made a recumbent cycle by seeing videos on YouTube
Short Title
Viral: इस साइकिल पर बैठने की जरूरत नहीं, लेटकर करिए सफर आराम से मारिए पैडल
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Recumbent cycle
Date updated
Date published
Home Title

Viral: इस साइकिल पर बैठने की जरूरत नहीं, लेटकर करिए सफर और आराम से मारिए पैडल