डीएनए हिंदी: भारत में अधिकतर लोग लंबे सफर के लिए ट्रेन का सहारा लेते हैं. यहां अन्य किसी वाहन के मुकाबले ट्रेन के सफर को ज्यादा आरामदायक माना जाता है लेकिन अगर हम आपसे कहें अब आप ट्रेन में बैठकर चांद तक जा सकते हैं तो? जाहिर है इस बात पर यकीन करना किसी के लिए भी थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन आपको बता दें कि हम यह बात यूंही नहीं कह रहे हैं, बल्कि इसके पीछे एक खास वजह है. दरअसल, जापान ऐसा ही कुछ करने की योजना बना है. वह एक ऐसी बुलेट ट्रेन पर काम करने के बारे में सोच रहा है जो लोगों को धरती से चांद और फिर मंगल ग्रह तक पहुंचाएगी.
इतना ही नहीं, जापान चांद और मंगल ग्रह पर ग्लास हैबिटेट बनाने का भी विचार कर रहा है. दरअसल, कम ग्रैविटी वाली जगहों पर इंसानों की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. यही वजह है कि देश एक ऐसा आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट तैयार करने के बारे में सोच रहा है जिसका वातावरण एकदम धरती जैसा होगा.
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इंडियन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन ने मिलकर बनाई है. वैज्ञानिकों की टीम ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में जानकारी दी. इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन मिलकर स्पेस एक्सप्रेस (Space Express) नाम की बुलेट ट्रेन बनाने जा रहे हैं. बुलेट ट्रेन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक पर चलेगी जो धरती से चांद और मंगल ग्रह के लिए रवाना होगी. इसके अलावा आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट के बारे में बात करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया, वहां का गुरुत्वाकर्षण धरती के जितना ही होगा. इसके अलावा वायुमंडल भी ऐसा ही तैयार किया जाएगा जो इंसानों को धरती की तरह महसूस कराए ताकि उन्हें वहां रहने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
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ग्लास कॉलोनी में होंगी ये सुविधाएं-
वैज्ञानिकों ने बताया, ग्लास एक बड़ी कॉलोनी जैसा होगा जिसमें इंसानों को धरती जैसा माहौल मिलेगा. यहां हरे-भरे पेड़ होंगे, नदियां होंगी, पानी वगैरह सबकुछ होगा. यह कॉलोनी चांद और मंगल ग्रह पर बनाई जाएगी. चांद पर बननेवाली कॉलोनी का नाम लूनाग्लास (Lunaglass) तो मंगल पर बननेवाली कॉलोनी का नाम मार्सग्लास (Marsglass) होगा. कॉलोनी से बाहर जाने के लिए लोगों को स्पेससूट पहनना होगा. इसके अलावा यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी सुविधा होगी. हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे अंतिम रूप तक पहुंचने में 100 साल का समय लग सकता है.
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धरती ही नहीं अब चांद पर भी चलेगी बुलेट ट्रेन, जापान ने कर ली पूरी तैयारी