Transgenders Declared Mentally Ill In Peru: चाहे भारत हो या दुनिया को कोई अन्य मुल्क, Transgenders की हालत किसी से छिपी नहीं है. तमाम जगहों पर इन्हें तिरस्कार का सामना करना पड़ता है. Transgenders के सामने चुनौतियां कैसी हैं? इसे हम दक्षिण अमेरिकी देश Peru में घटित एक घटना से समझ सकते हैं. पेरू ने आधिकारिक तौर पर एक बहुत बड़ी घोषणा की है. न्यूयॉर्क पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट को यदि सच मानें तो पेरू ने ट्रांसजेंडर्स, नॉन बाइनरी और इंटरसेक्स लोगों को मानसिक रूप से बीमार घोषित कर दिया है. इसके साथ पेरू के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनके मुफ्त इलाज की बात भी की है.
क्या कहा गया है रिपोर्ट्स में?
टेलीग्राफ के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि देश में मौजूद ट्रांस समुदाय को भी तमाम स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा सकें जिसमें इनके मानसिक हेल्थ का इलाज भी शामिल है.
You Won’t BELIEVE What PERU Just Did To TRANSGENDERS!!!#Peru #Transgender #DylanMulvaney #Trans #Liberals #SouthAmerica pic.twitter.com/Zn10E65tRm
— Dr. Steve Turley (@DrTurleyTalks) May 17, 2024
आउटलेट पिंक न्यूज के अनुसार इस फैसले को ध्यान में रखते हुए देश में जरूरी स्वास्थ्य बीमा योजना में भी बदलाव किया जाएगा, जिससे ट्रांस लोगों को मानसिक रूप से बीमार दिखाया जा सके.
Afternoon @RishiSunak
— James Goddard (@JamesPGoddard90) May 16, 2024
Our friends over in Peru have just classified Transgenders and Non Binary people as Mentally ill.
It’s about time you did the same!
However you won’t because ultimately it’s been your party that’s allowed children to be sexualised in the UK by perverts… pic.twitter.com/zT7HiPmKX8
ज्ञात हो कि अभी बीते दिनों ही पेरू के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसमें इस बात का जिक्र था कि बदलाव की वजह से ट्रांस लोगों को लिंग कंवर्जन थेरेपी के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.
फैसला, ट्रांस लोगों को उनके हक की लड़ाई से पीछे घसीट रहा
सरकार की इस घोषणा पर देशभर के LGBTQ+ ग्रुप्स के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का खंडन करते हुए इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि ये फैसला उनको अपने अधिकारों और सुरक्षा की लड़ाई से पीछे खींच रहा है.
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ट्रांस समुदाय के अधिकारों को छीना जा रहा है
टेलीग्राफ से बातचीत के दौरान लीमा के साउथ सांइटिफिक यूनिवर्सिटी के मेडिकल शोधकर्ता पर्सी मायटा-ट्रिस्टन ने बताया कि ये फैसला LGBTQ+ से संबंधित मुद्दों के प्रति कम जागरुकता को दर्शाता है.
In Peru worden transgenders nu officieel beschouwd als geesteszieken. Volgens het Peruaanse ministerie van Volksgezondheid is dit de enige legale manier om hen gratis een psychologische behandeling aan te bieden.https://t.co/gnEBJQ8BSl
— De Telegraaf (@telegraaf) May 15, 2024
उन्होंने कहा कि ट्रांस समुदाय को मानसिक रूप से बीमार घोषित करने के बाद उनके पास कोई अधिकार नहीं बचता है. सीधे तौर पर नहीं पर लेकिन उन्हें कंवर्जन थेरेपी के लिए मजबूर किया जा रहा है.
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Trans लोगों को 'मानसिक रूप से बीमार' बताकर इस देश से शुरू हुई एक नई बहस...