Bihar: भारत में यूं तो सरकारी नौकरी को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी रहती है. एक अच्छी और स्थाई जीवन के लिए अक्सर लोग सरकारी नौकरी को ज्यादा तरजीह देते हैं. लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसे किस्से आते हैं जो हैरान कर देते हैं. बिहार के भागलपुर जिले के बाबूपुर मध्य विद्यालय में शारीरिक शिक्षा (PT) के शिक्षक अमित कुमार के जीवन की कहानी उन सरकारी कर्मचारियों की हकीकत बयां करती है, जो मामूली वेतन में अपने परिवार का गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 35 वर्षीय अमित दिन में बच्चों को पढ़ाते हैं और रात में एक फूड डिलीवरी राइडर के रूप में काम करते हैं.

8,000 रुपये का वेतन
2022 में सरकारी नौकरी मिलने की खुशी अमित के परिवार के लिए एक सपने जैसी थी. अमित ने बताया, '2019 में परीक्षा दी, 2020 में परिणाम आया और मैंने 100 में से 74 अंक प्राप्त किए. हमारा परिवार उम्मीदों से भर गया था. लेकिन जब नौकरी मिली, तो यह खुशी जल्दी ही मायूसी में बदल गई. उनका वेतन सिर्फ 8,000 रुपये था. यह सुनकर परिवार ने जैसे-तैसे गुजारा शुरू किया, लेकिन महंगाई और बढ़ती जरूरतों ने इस वेतन को बहुत ही कम साबित कर दिया. 

फूड डिलीवरी का काम 
कम वेतन के कारण अमित को फूड डिलीवरी का काम शुरू करना पड़ा. उन्होंने बताया, 'स्कूल के बाद मैं शाम 5 बजे से रात 1 बजे तक लोगों के घर खाना पहुंचाता हूं. वो आगे बताते हैं कि, कई बार वेतन चार महीने तक नहीं मिला तो दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़े, जिसके चलते उनपर कर्ज का बोझ बढ़ता गया.

ढाई साल का इंतजार, लेकिन कोई राहत नहीं
अमित का कहना है कि वे सरकार से कई बार वेतन बढ़ाने और नियमित करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.  यहां वरिष्ठ शिक्षक 42,000 रुपये पाते हैं, लेकिन हमें 8,000 में परिवार चलाने को मजबूर किया जा रहा है. अमित की शादी ढाई साल पहले हुई थी। वह अपने बुजुर्ग मां-बाप की देखभाल भी करते हैं. उनका कहना है, 'मुझे अपने परिवार को बढ़ाने के बारे में सोचने की भी हिम्मत नहीं होती. जब खुद के लिए ही खाना जुटाना मुश्किल है, तो अगली पीढ़ी का क्या होगा?


यह भी पढ़ें: Viral Video: रोड पर चलते हुए युवक ने की मीटिंग अटेंड, वीडियो देख लोगों ने पूछा- 'क्या मजबूरी थी'


क्या कहती है यह कहानी?
अमित कुमार की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों को दिखाती है बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि सरकारी कर्मचारियों को क्या वाकई उनकी मेहनत का उचित फल मिल रहा है? यह कहानी समाज और सरकार दोनों के लिए एक बड़ा संदेश है कि ऐसे मेहनती कर्मचारियों के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
bihar bhagalpur pt teachers manage school duties in the morning and delivery boy jobs at night patna
Short Title
Bihar: 'दिन में टीचर, रात में डिलीवरी बॉय' बिहार में सरकारी नौकरी के बाद भी
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Bihar Viral News
Date updated
Date published
Home Title

Bihar: 'दिन में टीचर, रात में डिलीवरी बॉय' बिहार में सरकारी नौकरी के बाद भी रोटी के लिए संघर्ष, जानें पूरा मामला 
 

Word Count
479
Author Type
Author