Video: Sedition पर Supreme Court of India का बड़ा फैसला, कानून मंत्री की कड़ी टिप्पणी

राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का बड़ा फैसला आया है, जहां कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर केंद्र को पुनर्विचार करने का आदेश दिया है.

Video: राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार न करने की केंद्र की मांग, 10 मई को सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई

भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है.जिसमें केंद्र सरकार ने राजद्रोह के कानून का बचाव किया है.केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार मामले में आया फैसला बहुआयामी है.साल 1962 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार के मामले में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था.फिलहाल केंद्र सरकार ने कहा है कि इस अच्छे कानून पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है, फिर भी अगर इस पर आगे सुनवाई होती है. तो ये मामला बड़ी बेंच के पास जाना चाहिए.

Supreme Court में केंद्र का बड़ा बयान, देशद्रोह कानून में बदलाव की कोई जरूरत नहीं

Supreme Court ने इस देशद्रोह के कानून के दुरुपयोग को लेकर मोदी सरकार से अनेकों याचिकाओं के मुद्दे पर अपना पक्ष रखने को कहा था.

राजद्रोह कानून क्या है, आखिर किसके खिलाफ दर्ज होता है Sedition Law का मामला?  

Explainer: अंग्रेज सरकार राजद्रोह कानून का इस्तेमाल महात्मा गांधी समेत कई स्वतंत्रता सैनानियों के खिलाफ कर चुकी है.