हंस के तीन दिनी साहित्योत्सव का उद्घाटन, दिल्ली के हैबिटैट सेंटर में हुआ साहित्यकारों का जुटान

Inauguration: हंस के साहित्योत्सव 2023 के उद्घाटन सत्र में मंच पर मौजूद कवि, आलोचक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने कहा कि हिंदी भाषी समाज अन्य भाषी समाज से ज्यादा हिंसक है. इस समाज में हत्या का साधारणीकरण किया जा चुका है यानी यह प्रवृति पूरे हिंदी प्रदेश में फैल गई है.

Nostalgia: दिल की किताब से हास्यबोध और बाज़ार से ज़िंदादिल 'किताबें' गायब हैं  

लोग मजाक की बात पर भी सीरियस हो जाते हैं. इस लेख में पुराने दिनों के हंसने, मुस्कुराने के किस्सों को बताया गया है.