डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों (Effects of Social Media on Child) को लेकर दुनियाभर में चिंताएं की जा रही हैं. इन्हीं चिंताओं को लेकर पिछले दिनों लॉगआउट कैंपन (Logout Campaign) भी चलाया जा रहा है. अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी इस दिशा में एक सख्त कानून बनाने की तैयारी में जुट गई. इस कानून के तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अनुमति देने से पहले माता-पिता की मंजूरी लेना अनिवार्य (Mandatory consent of Parents ) कर दिया गया है. फिलहाल दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में सोशल मीडिया अकाउंट यूज करने के लिए 13 साल की उम्र है.
16 से कम उम्र के यूजर्स को लेनी होगी मंजूरी
ऑस्ट्रेलिया में इस विधेयक के संसद से पास होते ही फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया कंपनियां यूजर्स की उम्र का सत्यापन करने और अभिभावकों से मंजूरी लेने के लिए बाध्य हो जाएंगी.
एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा
मौजूदा विधेयक के मसौदे के मुताबिक कानून का उल्लंघन कर बच्चों को अनुमति प्रदान करने वाली सोशल मीडिया कंपनियों को एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इस नियम को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों में हड़कंप सी मच गई है जबकि सामाजिक संगठनों ने इस नियम का स्वागत किया है.
बचपन बचाने में कामयाब होगा यह कानून: स्वास्थ्य मंत्री
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के सहायक और मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या निषेध मंत्री डेविड कोलमैन के अनुसार नया विधेयक सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाने में कामयाब होगा. यह विधेयक पूरी दुनिया को राह दिखाएगा. यह बदलाव फेसबुक की मैनेजर फ्रांसेस हौजेन के उस बयान के बाद हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि जनहित और कंपनी हित में टकराव की स्थिति में उनकी कंपनी अपने हित को प्राथमिकता देगी. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट पर नियंत्रण के लिए अंतरराष्ट्रीय नियामक के गठन की अपील करता रहा है. इसके पहले यहां की संसद कानून पास करके गूगल और फेसबुक को न्यूज कंटेट के लिए भुगतान करने को बाध्य कर चुकी है.
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