डीएनए हिंदी: देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol-Diesel Price Hike) के बीच आम आदमी के काम की प्रत्येक चीज धीरे-धीरे महंगाई का एक उच्चतम स्तर छू रही है. ऐसे में लोगों की जेब पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है. वहीं इस महंगाई के पीछे का मुख्य तर्क रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कच्चे तेल (Crude Oil) के बढ़ते दामों को लेकर दिया जा रहा है. ऐसे में अब ईंधन के कारण आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को कम करने के लिए मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने एक फॉर्मूला दिया है.
नितिन गडकरी ने दिया फॉर्मूला
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने नया फॉर्मूला बताते हुए कहा है कि देश को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से मुकाबला करने के लिए ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों के प्रयोग का पता लगाना होगा. उन्होंने कहा कि साथ ही माल ढुलाई के लिए जलमार्गों को बढ़ावा देना होगा क्योंकि यह सबसे सस्ता है.
‘वाटरवेज कॉन्क्लेव-2022’ नामक एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब इनके सस्ते और आसानी से उपलब्ध विकल्पों का पता लगाना आवश्यक है. गडकरी ने मेथनॉल (Methanol) को डीजल का विकल्प बताते हुए इसे डीजल से सस्ता ईंधन बताया है और डीजल इंजन को मेथनॉल से चलने वाले इंजन में बदलने की तकनीक को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है.
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मेथनॉल को मिले बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि असम प्रतिदिन 100 टन मेथनॉल का उत्पादन करता है. इस उत्पादन को 500 टन प्रतिदिन किया जाएगा. तकनीक में बदलाव कर अगर डीजल इंजनों को मेथनॉल इंजनों में बदला जाए तो इसका फायदा असम को होगा. उन्होंने कहा कि मेथनॉल के इस्तेमाल से फ्यूल की लागत 50 फीसदी तक घट जाएंगी. गडकरी ने कहा, “हम मेथनॉल से चलने वाले समुद्री इंजन विकसित कर सकते हैं और डीजल इंजनों को उसमें बदल सकते हैं. स्वीडन की एक कंपनी के पास डीजल इंजनों को मेथनॉल इंजन में बदलने की तकनीक है.”
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वैकल्पिक ऊर्जा को दे रहे हैं बढ़ावा
आपको बता दें कि नितिन गडकरी लगातार देश में वैकल्पिक ऊर्जा को प्रोत्साहन देने पर काम कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने देश के सामने अपनी पहली हाईड्रोजन कार (Hydrogen Car) पेश की थी और वो ईवी को भी देश के परिवहन का फ्यूचर बता चुके हैं. इसी के तहत वो अपने मेथनॉल बेस्ड फ्यूल सिस्टम को भी बढा़वा देने के सुझाव दे रहे हैं जो कि निश्चित रूप से देश के लिए सकारात्मक होगा.
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