डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने पैसेंजर व्हीकल में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. शुक्रवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ट्वीट कर कहा, 8 यात्रियों तक के मोटर वाहनों में पैसेंजर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मैंने अब कम से कम 6 एयरबैग अनिवार्य करने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने आगे कहा, मंत्रालय ने पहले ही 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग को अनिवार्य कर दिया था. इसके साथ ही वाहनों में फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग को 1 जनवरी 2022 से फिट करना अनिवार्य कर दिया था.
In order to enhance the safety of the occupants in motor vehicles carrying upto 8 passengers, I have now approved a Draft GSR Notification to make a minimum of 6 Airbags compulsory. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
क्यों अहम है निर्णय?
हालांकि वाहनों में एयरबैग अनिवार्य करने के बाद भले ही ग्राहकों के लिए कार की प्राइस बढ़ गई हो लेकिन केंद्रीय मंत्री का मानना है कि इससे सभी वाहनों में सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. गडकरी ने कहा, आगे और पीछे दोनों कम्पार्टमेंट में बैठे लोगों को एक्सीडेंट के बाद चोट न लगे और वह सुरक्षित महसूस कर सकें इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि एम1 वाहन श्रेणी में 4 अतिरिक्त एयरबैग अनिवार्य किए जाएं.
In order to enhance the safety of the occupants in motor vehicles carrying upto 8 passengers, I have now approved a Draft GSR Notification to make a minimum of 6 Airbags compulsory. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
यानी दो साइड/साइड टोरसो एयरबैग और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयरबैग सभी यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. गडकरी ने कहा, भारत में मोटर वाहनों को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. यह अंततः सभी सेग्मेंट में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा चाहे वाहन की लागत या वेरिएंट कुछ भी हो.
क्या है एम 1 कैटेगरी?
केंद्र सरकार के परिवहन विभाग के अनुसार, M1 श्रेणी का अर्थ यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ऐसा मोटर वाहन है जिसमें चालक की सीट के अलावा आठ से अधिक सीटें न हों.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का निर्णय