डीएनए हिंदी: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने कार निर्माताओं को छह महीने के भीतर वाहनों में फ्लेक्सिबल-फ्यूल इंजन पेश करने की सलाह जारी की है.
गडकरी ने कहा कि उन्होंने फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पर एक फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कार निर्माताओं को अपने वाहनों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने की सलाह देते हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने कार निर्माताओं को ऐसे वाहनों में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन लगाने के लिए छह महीने का समय दिया है जो एक से अधिक ईंधन से चल सकते हैं.
केंद्र सरकार हरित और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि टीवीएस मोटर्स और बजाज ऑटो जैसी ऑटो कंपनियों ने अपने दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए भी फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का निर्माण शुरू कर दिया है.
जल्द ही चार पहिया वाहन एथेनॉल से चलेंगे. इसलिए हमें पेट्रोल की जरूरत नहीं होगी. हरित ईंधन के इस्तेमाल से हमारे पैसे की बचत होगी.
क्या होता है एथेनॉल?
फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पेट्रोल और बायोफ्यूल दोनों पर भी चल सकते हैं. एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है. जिसे पेट्रोल में मिलाकर व्हीकल में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है. एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है.
हाल ही गोंडा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैजापुर चीनी मिल में 450 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एशिया के सबसे बड़े एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास किया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे दूसरे देशों पर तेल के आयात का बोझ कम होगा.
वर्तमान में ब्राजील और अमेरिका दो प्रमुख बाजार हैं जहां एथेनॉल-मिश्रित ईंधन और फ्लेक्स-ईंधन इंजन मुख्य रूप से उपयोग किए जाते हैं. भारत का उद्देश्य एथेनॉल और एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देना है. भारत ने पहले ही पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
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