डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया और वीडियो गेम मूड रिलैक्स करने के लिए होते हैं. कई बार यही वीडियो गेम जानलेवा साबित हो जाते हैं. पॉकेमोन गो और ब्लू व्हेल (Blue Whale) जैसे गेम के चलते कई बच्चों की जान जा चुकी है. ऐसा ही एक नया चैलेंज और शुरू हो गया है. इसका नाम है ब्लैकआउट चैलेंज (Blackout Challenge). इस चैलेंज के वीडियो बनाने के चक्कर में कई बच्चे जान दे चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक कम से कम 20 बच्चों की मौत हो चुकी है.
सोशल मीडिया पर TikTok शॉर्ट वीडियो चैलेंज चल रहा है जिसका नाम 'Blackout Challenge' है. पिछले 18 महीनों में 14 साल और इससे कम उम्र के लगभग 20 बच्चों की जान चली गई है. कहा जा रहा है कि ज्यादातर बच्चे लाइक और फॉलोवर के चक्कर में इस कदर फंस गए हैं कि वे सही गलत नहीं समझ पा रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं.
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क्या है ब्लैकआउट चैलेंज?
इस चैलेंज में सांस रोकने होती है. वीडियो अच्छा और दमदार बनाने के चक्कर में बच्चे सांस रोकते हैं. इसमें चैलेंज यह है कि आपको बेहोश होने तक वीडियो बनाना है और फिर दोबारा होश में आने का वीडियो भी बनाना है. इसमें समस्या यह होती है कि कई बार सांस रोकने पर दम घुट जाता है और मौत हो जाती है. ब्लैकआउट के चक्कर में ही पिछले डेढ़ साल में 15 बच्चों की मौत हो चुकी है.
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बच्चों को इस तरह के खतरे से बचाने के लिए यह ज़रूरी है कि अभिभावक उनके इंटरनेट यूज पर निगरानी रखें. ज्यादातक बच्चे सोशल मीडिया पर देखकर ही इस तरह के चैलेंज करने की कोशिश करते हैं. सांस रोकने या दम घोंटने जैसे चैलेंज किसी के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं, बच्चों के लिए तो यह खतरा और भी ज्यादा है.
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Blackout Challenge: ये कैसा खतरनाक गेम है? वीडियो बनाने के लिए जान क्यों दे रहे हैं बच्चे