डीएनए हिंदी: फोर्ड मोटर (Ford Motors) ने चेन्नई में अपनी भारतीय यूनिट से अपना आखिरी व्हीकल मार्केट में उतार दिया है. फोर्ड इंडिया (Ford India) ने पहले इस महीने के अंत तक सुविधा को औपचारिक रूप से बंद करने की घोषणा की थी. अपने कर्मचारियों के साथ सभी इश्यू को निपटाने के लिए उसके पास लगभग एक सप्ताह का समय है, जो इस महीने की शुरुआत तक कार निर्माता द्वारा पेश किए गए सैपरेशन पैकेज का विरोध कर रहे थे. भारत में फोर्ड के कर्मचारी (Ford Imployees), जो मुख्य रूप से चेन्नई में काम कर रहे हैं, कंपनी की सैपरेशन पॉलिसी (Separation Policy) का विरोध कर रहे थे. वे बेहतर पैकेज की मांग कर रहे हैं क्योंकि वे आगे अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं. इस साल मई से 2,000 से अधिक कर्मचारी बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. फोर्ड इंडिया के कुछ कर्मचारियों ने शिकायत की कि कार निर्माता के साथ बातचीत बहुत धीमी रही है.

सैपरेशन पैकेज में बदलाव 
कुछ हफ़्ते पहले, विरोध करने वाले कर्मचारियों के एक वर्ग ने कर्मचारियों के लिए सैपरेशन पैकेज पर फोर्ड मैनेजमेंट के साथ चर्चा करते हुए काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की थी. खबर लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि दोनों पक्ष अभी तक किसी अंतिम समझौते पर पहुंचे हैं या नहीं. रिपोर्टों के अनुसार, फोर्ड इंडिया अपने कर्मचारियों को और अधिक ऑफर करने के लिए सैपरेशन पैकेज में बदलाव करने पर सहमत हुई. कंपनी 115 दिनों के बजाय उन कर्मचारियों को सैपरेशन पैकेज देगी, जिन्होंने औसतन 121 दिनों तक काम किया है. फोर्ड इंडिया भी कथित तौर पर उन कर्मचारियों के वेतन और रोजगार की रक्षा करने के लिए सहमत है जो जुलाई तक काम करना जारी रखेंगे.

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टाटा को सौंपा जाएगा चेन्नई प्लांट 
मराईमलाई नगर में फोर्ड फैसिलिटी जो चेन्नई से लगभग 40 किलोमीटर दूर है, भारत में कार निर्माता के लिए दूसरा मैन्युफैक्चरिंग सेंटर है. भारत में एकमात्र अन्य फोर्ड सुविधा, जो साणंद में स्थित है, गुजरात सरकार द्वारा औपचारिक रूप से टाटा मोटर्स को सौंप दी गई है. मराईमलाई नगर फैसिलिटी भी बाद में टाटा मोटर्स को सौंपे जाने की उम्मीद है. फोर्ड इंडिया ने पिछले एक दशक में भारी नुकसान के बाद पिछले साल देश में कार बनाना बंद करने का फैसला किया. भारत में फोर्ड मोटर की जर्नी 1920 के दशक में शुरू हुई जब 50 के दशक की शुरुआत में बाहर निकलने से पहले यह कनाडा की फोर्ड मोटर कंपनी की सहायक कंपनी के रूप में देश में आई. 1995 में, फोर्ड महिंद्रा एंड महिंद्रा के सहयोग से भारत लौट आई. 1998 में, Ford ने Mahindra से नाता तोड़ लिया और अंत तक Ford Motor India Limited के रूप में काम करना शुरू कर दिया.

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Ford Employees future Uncertain after last EcoSport SUV rolls out 
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Ford की आखिरी EcoSport SUV रोल आउट के बाद अधर में कर्मचारियों का भविष्य 
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Ford की आखिरी EcoSport SUV रोल आउट के बाद अधर में कर्मचारियों का भविष्य