डीएनए हिंदीः केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय सड़क दुर्घटना को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार, 2021 में पूरे भारत में दुर्घटनाओं में मारे गए प्रत्येक 10 कार सवारों (लगभग 83%) में से कम से कम आठ ने सीटबेल्ट नहीं लगाया था. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले हर तीन दोपहिया सवारों में से दो (लगभग 67%) ने हेलमेट नहीं पहना था.

मत्रालय द्वारा जारी किए गए इस रिपोर्ट का नाम 'रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2021' है जो स्टेट पुलिस डिपार्टमेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है. इसमें पिछले साल मारे गए कुल 19,811 कार सवारों में से 16,397 के सीटबेल्ट नहीं लगाने पर प्रकाश डाला गया है. इसके साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि मारे गए लोगों में से 8,438 ड्राइवर और शेष 7,965 यात्री थे. हालाँकि, इस डेटा में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि सीटबेल्ट न लगाने के कारण मारे गए लोगों में से कितने पीछे की सीट वाले यात्री थे.

उत्तर प्रदेश में हुईं सबसे ज्यादा मौतें

सीट बेल्ट न पहनने के कारण उत्तर प्रदेश के कार सबसे अधिक 3,863 मौतें हुईं. इसके बाद मध्य प्रदेश में कुल 1,737 और राजस्थान में 1,370 लोगों की जान गई. बता दें कि सितंबर में एक कार दुर्घटना में उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मौत के बाद देश में सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले अधिकांश यात्रियों का मुद्दा सामने आया.

कुल सड़क हादसों में 45 फिसदी दोपहिया चालकों की मौत

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल दुर्घटनाओं में मारे गए कुल 69,385 दोपहिया सवारों में से लगभग 47,000 लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था. इस तरह की दुर्घटनाओं में मारे गए दोपहिया चालकों की संख्या पिछली सीट पर सवार लोगों की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक थी. स्टेट पुलिस द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार हेलेमेट न पहनने से कुल 32,877 दोपहिया चालकों की मौत हुई. वहीं पिछली सीट पर सवार लोगों की अगर करें तो इनकी संख्या 13,716 रही.

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दोपहिया सवारों की मौत

हेलमेट न पहनने के कारण मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा और यहां कुल 6,445 मौते हुईं. इसके साथ ही तमिलनाडु में 5,888 ऐसी मौतें दर्ज की गईं. वहीं महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा और यहां कुल 4,966 लोगों की मौत हुई. 

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की बढ़ी चिंता

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट ने इस बात पर भी गंभीर चिंता जताई है कि पिछले कुछ सालों में रोड एक्सीडेंट में मारे जाने वाले दोपहिया सवारों और पैदल चलने वालों की संख्या और हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि कैसे हो रही है. पैदल चलने वालों की मौत के मामले में, पिछले साल कुल संख्या बढ़कर 29,124 हो गई और इनमें से 9,462 लोगों की मौत एनएच नेटवर्क पर हुई. इसके अलावा साइकिल सवारों की मौत के मामले में भी कुल 4,702 मौतों में से 1,667 मौतें नेशनल हाईवे पर हुई हैं.

सीटबेल्ट और हेलमेट पहनने से बच सकती है जान

डब्ल्यूएचओ के डेटा के अनुसार, सीट बेल्ट का उपयोग गंभीर दुर्घटना-संबंधी चोटों और मौतों को आधे से कम कर सकता है. वहीं ठीक से बंधे हुए पूरे चेहरे को ढंकने वाले हेलमेट का उपयोग करने से दोपहिया सवारों की घातक चोटों को 64 प्रतिशत तक और मस्तिष्क की चोटों को 74% तक कम किया जा सकता है.

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83 percent car occupants and 67 percent two wheeler rider died in 2021 for not wearing seatbelt and helmet
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सीटबेल्ट और हेलमेट न पहनना बना लोगों की जान का दुश्मन, जानें मौत के आंकड़े
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सीटबेल्ट और हेलमेट न पहनना बना लोगों की जान का दुश्मन, जानें मौत के आंकड़े