डीएनए हिंदी: भारतीय मूल के टेलेंट ने दुनिया भर की टेक कंपनियों में धाक जमा दी है. ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल की नियुक्ति के बाद टेस्ला प्रमुख एलन मस्क भी भारतीय टैलेंट के मुरीद नजर आए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- भारतीय प्रतिभा से अमेरिका को बहुत फायदा!
वहीं आयरिश बिलेनियर पेट्रिक कॉलिजन ने लिखा- गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडॉब, आईबीएम, पालो अल्टो नेटवर्क्स और अब ट्विटर! दुनिया के शीर्ष संस्थान भारत में पले बढ़े लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं. प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारतीयों की आश्चर्यजनक सफलता और अमेरिका द्वारा अप्रवासियों को प्रदान किए जाने वाले अवसरों की अच्छी याद दिलाते हुए देखना अद्भुत है.
Google, Microsoft, Adobe, IBM, Palo Alto Networks, and now Twitter run by CEOs who grew up in India. Wonderful to watch the amazing success of Indians in the technology world and a good reminder of the opportunity America offers to immigrants. 🇮🇳🇺🇸 (Congrats, @paraga!)
— Patrick Collison (@patrickc) November 29, 2021
पराग से पहले गूगल में सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट में सत्य नडेला, एडॉब में शांतनु नारायण, आईबीएम में अरविंद कृष्णा और पालो अल्टो नेटवर्क्स में निकेश अरोड़ा सीईओ नियुक्त हो चुके हैं. इनके अलावा भी सिलिकन वैली में कई ऐसी कंपनियां हैं जिनमें भारतीय टेलेंट धूम मचा रहा है.
हजारों भारतीय इंजीनियर्स को टेक कंपनियां यहां करोड़ों में सैलेरी दे रही हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर भारतीय टैलेंट में ऐसा क्या है जिसकी भारत से बाहर इतनी डिमांड है?
दरअसल, टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि दुनिया की शीर्ष टेक कंपनियों में भारतीयों के वर्चस्व के पीछे उनके कौशल, प्रतिभा और कड़ी मेहनत का नतीजा है. ये प्रौद्योगिकी कंपनियां उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी हैं लेकिन वे अपने दैनिक कार्यों में नवाचारों (Innovation) पर ध्यान केंद्रित करते हैं इसलिए कंपनी के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी को बड़ी जिम्मेदारी दे दी जाती है.
कुछ लोगों का ये भी मानना है कि भारतीय टेलेंट को अमेरिका में समान अवसर और करियर ग्रोथ के भरपूर मौके मिलते हैं. इससे टैलेंट निखरकर सामने आता है. वहीं कुछ टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी इंसान के पालन-पोषण पर नस्ल का व्यापक प्रभाव होता है. भारत की नस्लों में मेहनत कूट कूटकर भरी है.
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने अपने करियर के दौरान लोकप्रिय सॉफ्टवेयर कंपनी के ट्रैक में बड़े पैमाने पर सुधार किया है. दूसरी ओर दुनिया की शीर्ष तकनीकी कंपनियों में से एक गूगल और एल्फाबेट के पास असाधारण प्रतिभा के धनी सुंदर पिचाई हैं जो 2015 से कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं. कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय इंजीनियर्स में असाधारण प्रतिभा और नेतृत्व के गुण उन्हें दूसरों से अलग बनाते हैं. इसलिए कई टेक कंपनियों ने अपनी कमान उन्हें सौंपने में जरा भी देरी नहीं की है.
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