डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) ने भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिकरण में अध्यक्ष और न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करने की शक्ति राज्यपाल के बजाय राज्य सरकार को देने वाला विधेयक शुक्रवार को पारित कर दिया.
इससे पहले विधानसभा ने ऐसे कई अन्य विधेयक पारित किये थे जो कानून का रूप लेने पर राज्यपाल की विभिन्न शक्तियों में कटौती करेंगे.पश्चिम बंगाल भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश करते हुए भूमि एवं भूमि सुधार राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि संशोधन करने की जरूरत इसलिए है कि राज्यपाल को भेजी जाने वाली फाइल पर वह (राज्यपाल) हस्ताक्षर नहीं करते हैं बल्कि बार-बार सवाल करते हैं, जिससे अधिकरण का कामकाज प्रभावित होता है.
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चयन समिति करेगी प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति
उन्होंने कहा कि इसमें (अधिकरण में) कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है क्योंकि पद लंबे समय से रिक्त हैं. विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. विधेयक में यह प्रस्ताव किया गया है कि प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति एक चयन समिति करेगी.
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BJP ने विधेयक का किया विरोध
विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए दावा किया कि नियुक्ति प्राधिकारी के तौर पर यदि राज्यपाल की जगह किसी और को दे दी जाती है तो अधिकरण के कामकाज का सीधा असर राज्य सरकार पर पड़ेगा.
(भाषा इनपुट के साथ)
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Bengal: ममता सरकार ने राज्यपाल की शक्तियों में की कटौती, भूमि सुधार संशोधन विधेयक पारित