डीएनए हिंदी: कानपुर में हुई हिंसा (Kanpur Violence) के मामले में यूपी पुलिस ने रविवार को पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसके बाद कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत गिरफ्तार लोगों को रविवार को विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रमोद कुमार ने बताया कि सोमवार को कोर्ट के समक्ष आरोपी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में लेने के लिए अर्जी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि रविवार को पांच अन्य आरोपियों की गिरफ्तारियों के साथ गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 29 हो गई है, जबकि 100 से अधिक आरोपियों की पहचान हो चुकी है.
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UP पुलिस ने SIT टीम की गठित
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा कि घटना की विधिवत जांच के लिए 8 सदस्यों की एक विशेष जांच दल (SIT) टीम गठित की है. उन्होंने कहा, 'हम जांच करेंगे कि क्या उनका पापुलर फ्रंट आफ इंडिया(PFI) के साथ कोई संबंध था, जिन्होंने उसी दिन मणिपुर और पश्चिम बंगाल को बंद करने का आह्वान किया था.' उन्होंने कहा कि इनके संपर्क और संबंधों की जांच की जा रही है.
आरोपियों के पास मिले 6 मोबाइल
मीणा ने कहा कि एसआईटी को सांप्रदायिक तनाव भड़काने वालों की पहचान करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से संबंधित दस्तावेज भी जफर हयात हाशमी के परिसरों की तलाशी के दौरान मिले. मीणा ने आगे कहा कि मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सूफियान सहित गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से छह मोबाइल फोन बरामद किए गए. जिन्हें शनिवार को हजरतगंज लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था.
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500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
मीणा ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया खातों की छानबीन की जा रही है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर साक्ष्य एकत्र करने के बाद कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कानपुर में हिंसा और पथराव की घटना के एक दिन बाद शनिवार को 500 से अधिक लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. हिंसा की घटनाओं में 40 लोग घायल हो गए थे.
प्राथमिकी में कहा गया है कि दंगाइयों ने घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, पेट्रोल बम फेंके और सड़कों पर हंगामा किया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. पुलिस उप-निरीक्षक (SI) आसिफ रजा द्वारा दर्ज की गई दूसरी प्राथमिकी में दंगे को लेकर 350 अज्ञात लोगों के अलावा 20 लोगों को नामजद करके प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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क्यों भड़की थी कानपुर में हिंसा?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के फौरन बाद परेड, नई सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई थी. नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया. इस हिंसा पर CM योगी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सरकार ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस की धरपकड़ और छापेमारी की कार्रवाई जारी है.
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Kanpur Violence : पांच और की हुई गिरफ्तारी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए सभी आरोपी