डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता इंद्रेश कुमार ने शनिवार को निजामुद्दीन दरगाह पर चादर चढ़ाई और मिट्टी के दीये जलाए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह त्योहार जितने मजहब भेद हैं, प्रांतों के भेद हैं उन सबको मिटाता है. हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन दरगाह में मिट्टी के दीये जलाना शांति, समृद्धि और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देता है.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि हर त्योहार हमें यही सिखाता है कि हमें नफरत, कट्टरता, द्वेष, दंगे, जंग नहीं चाहिए. हमें शांति, सद्भाव और भाईचारा चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन करने और हिंसा के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. बता दें कि इंद्रेश आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक हैं.

ये भी पढ़ें- दिवाली पर अंधविश्वास की भेंट चढ़ते हैं उल्लू,  WWF ने कहा- भारत के लिए खतरे की घंटी

सभी धर्मों का होना चाहिए सम्मान
उन्होंने कहा कि सभी को अपने-अपने धर्म और जाति को मानना चाहिए. दूसरे के धर्म की आलोचना और अपमान करना गलत बात है. जब देश में सभी धर्मों का सम्मान होगा तो देश को पत्थरवार बनाने वाले कट्टरपंथियों से मुक्त होगा. भारत ही ऐसा देश है जहां हर मजहब का सम्मान होता है.

ये भी पढ़ें- Onion Price: इस बार 'आंसू' नहीं निकालेंगे प्याज के दाम, सरकार दिसंबर तक करेगी ऐसा काम

इससे पहले सितंबर में इंद्रेश कुमार RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ उमर अहमद इलियासी से मिले थे. भागवत ने उस दौरान दिल्ली में एक मस्जिद और मदरसे का भी दौरा भी किया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
RSS leader Indresh Kumar climbed the Chadar at Nizamuddin Dargah Respect for all religions is necessary
Short Title
RSS नेता इंद्रेश कुमार ने निजामुद्दीन दरगाह पर चढ़ाई चादर
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
निजामुद्दीन दरगाह पर पहुंचे RSS नेता इंद्रेश कुमार
Caption

निजामुद्दीन दरगाह पर पहुंचे RSS नेता इंद्रेश कुमार 

Date updated
Date published
Home Title

RSS नेता इंद्रेश कुमार ने निजामुद्दीन दरगाह पर चढ़ाई चादर, कहा- सभी धर्मों का सम्मान जरूरी