डीएनए हिंदी: चुनावी रणनीतिकार, कैंपेन मैनेजर और जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) यानी पीके आज नई यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. अपने जन सुराज अभियान (Jan Suraaj Abhiyan) के तहत प्रशांत किशोर, महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti) की जयंती के अवसर पर बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले से 3500 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करेंगे. प्रशांत किशोर का कहना है कि इसके ज़रिए वह बिहार के लोगों के पास जाएंगे और उनके मुद्दे सुनेंगे. कहा जा रहा है कि इस यात्रा के बाद पीके अपनी राजनीतिक पार्टी भी लॉन्च कर सकते हैं. बिहार के अगले विधानसभा चुनाव में भी पीके बड़ा दांव खेल सकते हैं.
प्रशांत किशोर की यह यात्रा 12-18 महीनों तक चलेगी और वह बिहार के हर जिले और तहसील में जाएंगे. इस यात्रा के बाद उनके व्यापक रूप से राजनीति के क्षेत्र में नए सिरे से कदम रखने की संभावना व्यक्त की जा रही है. हालांकि, पीके ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई भी निर्णय केवल वे लोग ही ले सकते हैं जो खुद को उनके साथ अभियान में जोड़ते हैं.
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देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) October 2, 2022
पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गाँवों और क़स्बों में 3500KM की पदयात्रा
बेहतर और विकसित बिहार के लिए जनसुराज
2020 में जेडीयू से निकाले गए थे प्रशांत किशोर
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर 2018 में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक आलोचना करने पर 2020 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. नीतीश कुमार के संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन करने पर, पीके ने उनकी जमकर आलोचना की थी. पार्टी से निकाले जाने के वक्त प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष थे.
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एक बयान में कहा गया है कि प्रशांत किशोर अपनी यात्रा के दौरान हर पंचायत और प्रखंड तक पहुंचने का प्रयास करेंगे. इस यात्रा के दौरान वह कोई अवकाश नहीं लेंगे और आखिरी तक इसका हिस्सा रहेंगे. वह अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा में गांधी आश्रम से करेंगे. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन इसी आश्रम से शुरू किया था.
पीके और उनके जन सुराज अभियान के मुताबिक, इस यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना शामिल है. यह यात्रा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के विचारों को शामिल करके राज्य के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने का भी काम करेगी.
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प्रशांत किशोर आज शुरू करेंगे 3,500 KM की पदयात्रा, जानिए क्या है प्लान