डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ अलग तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं. नेशनल क्रिकेट एकेडमी में उनके काम को सराहा गया. उन्होंने देश के लिए कई प्रतिभाओं को तराशा अब वे टीम इंडिया को सफलता के शिखर पर ले जाने के लिए मेहनत कर रहे हैं.
द्रविड़ का विनम्रता भरा व्यवहार उन्हें दूसरों से अलग बनाता है. उन्होंने कई मौकों पर इसे साबित भी किया है. कानपुर टेस्ट के दौरान उन्होंने क्रिकेटप्रेमियों को एक बार फिर अपने व्यवहार से मुरीद बना लिया.
हुआ यूं कि द्रविड़ ने कानपुर टेस्ट के दौरान ग्राउंड्समैन को 35 हजार रुपए देकर उन्हें स्पोर्टिंग पिच बनाने के लिए के लिए धन्यवाद दिया. ग्रीन पार्क के ग्राउंड्स स्टाफ शिव कुमार को ये राशि देकर उन्होंने क्रिकेट के गलियारों में चर्चा बटोर ली.
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने इस बात का अधिकारिक तौर पर ऐलान भी किया. यूपीसीए ने प्रेस बॉक्स में कहा, राहुल द्रविड़ ने ग्राउंड्समैन को 35 हजार रुपए दिए हैं. अपने समय में द्रविड़ खेल को निष्पक्ष खेलने के लिए जाने जाते थे. इतने वर्षों के बाद भी चीजें नहीं बदली हैं. ये टिप उन्हें प्रशंसा के प्रतीक के रूप में दी गई.
क्या रही वजह
द्रविड़ ने आखिर इस पिच की प्रशंसा क्यों की? दरअसल स्पोर्टिंग पिच को संतुलित पिच भी कहा जाता है. ये पिच दोनों टीमों के लिए समान होती है. इसी पिच पर तेज गेंदबाजों ने 16 और स्पिनर्स ने 20 विकेट चटकाए.
दोनों ही टीमों के लिए इस पिच ने मुश्किलें पैदा कीं जिससे मैच आखिरी दिन तक खिंच गया. द्रविड़ अपने समय में एक निष्पक्ष खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते थे. मौजूदा दौर में कई विदेशी टीमें अपने अनुसार पिचें तैयार करवाती हैं और टेस्ट तीन दिन के अंदर खत्म हो जाता है.
कैसी है कानपुर की पिच
जानकारी के अनुसार कानपुर की पिच एक समान थी. ऑस्ट्रेलिया में जहां पिच पर बाउंस मिलता है वहीं इंग्लिश पिचें स्विंग में मदद करती हैं. कानपुर की पिच ने न तो बहुत ज्यादा स्पिनरों को मदद की और न ही बहुत ज्यादा सपाट रही. ऐसे में दोनों ओर जीत के मौके बराबर रहे. स्पोर्टिंग पिच होने की वजह से कानपुर में खेला गया मैच ड्रॉ हो गया.
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