डीएनए हिंदी: भारतीय महिला टीम के कोच रमेश पोवार (Ramesh Powar) मई 2021 में ​हेड कोच के तौर पर टीम में वापस लौट आए थे लेकिन इससे पहले वह भारतीय कप्तान मिताली राज से विवाद के कारण चर्चा में रहे थे. 2018 विश्वकप के दौरान ​मिताली को टीम से ड्रॉप किए जाने के बाद यह विवाद सामने आया था. 

अब पूर्व सीओए प्रमुख विनोद राय (Vinod Rai) ने अपनी किताब 'नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन - माई इनिंग्स इन द बीसीसीआई' में 2018 टी 20 विश्व कप के दौरान राष्ट्रीय महिला टीम में साजिश, कोच रमेश पोवार और मिताली राज (Mithali Raj) के बीच विवाद पर खुलासा किया है. 

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इसमें विनोद राय ने बताया है कि दो खिलाड़ियों मिताली राज और हरमनप्रीत कौर ने राहुल जौहरी (बीसीसीआई सीईओ) और सबा करीम (जीएम, क्रिकेट संचालन) के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. रमेश पोवार ने भी इन अधिकारियों से मुलाकात की. मिताली और पोवार को लिखित बयान के साथ सीओए को रिपोर्ट करने की सलाह दी गई. मिताली और पोवार दोनों ने वेस्ट इंडीज (टी20 विश्व कप सेमीफाइनल) में हुई घटनाओं के बारे में अपना पक्ष रखा था. 

मिताली को किस बात से दुख हुआ?
किताब में विनोद राय ने लिखा है कि मिताली ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया कि कोच ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया. उसने महसूस किया कि सेमीफाइनल में उन्हें ड्रॉप करने से ज्यादा कोच के व्यवहार ने उन्हें व्यथित किया. मिताली ने हालांकि स्पष्ट कर दिया कि टी20 कप्तान हरमनप्रीत से उनकी कोई लड़ाई नहीं है. 

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दूसरी ओर पोवार ने एक लंबी रिपोर्ट लिखी, जिसमें एक बड़ा हिस्सा मिताली को संभालने में आने वाली कठिनाई के बारे में था. पोवार ने कहा था कि उनकी खराब स्ट्राइक रेट के कारण था कि टीम प्रबंधन ने उन्हें सेमीफाइनल से ड्रॉप करने और पिछले मैच के विजेता टीम को बनाए रखने का फैसला किया था. 

दोनों खिलाड़ियों ने दिखाई​ ​स्पिरिट 
विनोद राय ने किताब में कहा, 30 नवंबर को सबा ने मुझे सलाह दी कि लड़कियां विवादों को शांत करने और मुद्दे को बंद करने के लिए उत्सुक हैं. मैं हरमनप्रीत की प्रशंसा करता हूं कि उसने सबा से संपर्क किया और अपनी 'मिताली दी' के साथ खुलकर बात करने की इच्छा व्यक्त की. 

यानी हरमनप्रीत ने आगे बढ़कर मनमुटाव को दूर करने की पहल की ताकि सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाए. मुझे उनके साथ बैठने को कहा गया. हालांकि मुझे घबराहट हो रही थी लेकिन मैं सहमत था. बैठक का आयोजन दिल्ली में एक दिन के नोटिस पर किया गया था. दोनों खिलाड़ियों की ईमानदारी इस बात से जाहिर होती है कि हरमन रविवार की सुबह मोगा स्थित अपने घर से दिल्ली पहुंचने के लिए छह घंटे की ड्राइव की. गुंटूर में लीग मैच खेल रही मिताली ने उस सुबह उड़ान भरी थी. हम मिले और तीन घंटे से अधिक समय तक बातें कीं. 

हरमनप्रीत को नहीं पता था कि मिताली को बताया गया है या नहीं
हरमनप्रीत टीम की कप्तान के रूप में स्पष्ट थी कि सेमीफाइनल से मिताली को ड्रॉप करने का निर्णय सामूहिक रूप से पिछले मैच की विजेता टीम को ध्यान में रखते हुए लिया गया निर्णय था. इस फैसले में टीम के चयनकर्ता और कोच शामिल थे. बेशक उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह खबर मिताली को कब दी गई. 

दूसरी ओर मिताली ने महसूस किया कि उसे टीम से बाहर किए जाने के अलावा उसे जिस तरह से बताया गया, वह सबसे अपमानजनक था. उसने कहा कि उसे निर्णय के बारे में अंधेरे में रखा गया था और दोनों कप्तानों के टॉस के लिए जाने से ठीक पहले कोच ने उसे सूचित किया था.  

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Vinod Rai book on dispute between Ramesh Powar and Mithali Raj
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रमेश पोवार और Mithali Raj के विवाद पर नया खुलासा
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हरमनप्रीत को नहीं पता था कि मिताली को ड्रॉप करने के बारे में बताया गया है या नहीं
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हरमनप्रीत को नहीं पता था कि मिताली को ड्रॉप करने के बारे में बताया गया है या नहीं
 

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