डीएनए हिंदी: Bihar News- बिहार क्रिकेट लगातार आपसी गुटबाजी से जूझ रही है, लेकिन इस गुटबाजी ने पिछले दिनों क्रिकेट स्टेडियम में अजब नजारा दिखा दिया. मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के लिए एकसाथ बिहार की दो क्रिकेट टीम मैदान पर हाजिर हो गई. एक टीम खुद को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष द्वारा चुने जाने का दावा कर रही थी तो दूसरी ने BCA सचिव द्वारा चुने जाने की बात कही. इसे लेकर जमकर छीछालेदर हुई. 5 जनवरी को हुई इस घटना के 11 दिन बाद अब BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी सामने आए हैं. तिवारी ने मंगलवार को इस घटना को लेकर स्पष्टीकरण दिया. साथ ही अपने विपक्षी गुट पर जमकर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा, यह और कुछ नहीं बल्कि ऐसे लोगों की साजिश है, जो राज्य की क्रिकेट की इमेज को तार-तार करना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग अपने बच्चों को जबरन टीम में घुसाना चाहते हैं और इसी कारण ऐसी साजिशें रची जा रही हैं.

पहले जान लीजिए क्या था पूरा मामला

रणजी ट्रॉफी 2023-24 का पहला मैच 5 जनवरी को पिछले सीजन की प्लेट ग्रुप विजेता बिहार और मुंबई की टीम के बीच होना था. यह मैच पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में खेला जाना था, लेकिन मैच से पहले ही ड्रामा शुरू हो गया. स्टेडियम के गेट पर बिहार की दो रणजी टीम पहुंच गईं. दोनों के ही हाथ में BCA की तरफ से जारी की गई ऑफिशिल टीम शीट थी. एक टीम को BCA अध्यक्ष ने मंजूर कर रखा था तो दूसरी टीम BCA सचिव की मंजूरी के साथ पहुंची थी. दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच इस विवाद में भिड़ंत भी हो गई. हालांकि बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप किया और BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी की टीम को मैच खेलने का मौका मिला. यह घटना पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बनी हुई है.

क्या कहा है अब BCA अध्यक्ष ने

BCA अध्यक्ष राकेश तिवारी ने मंगलवार को IANS से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, दो टीम जैसा कुछ नहीं था. कुछ लोग हैं जो बवाल खड़ा करना चाहते हैं और उनका इकलौता मकसद अपने बच्चों को टीम में एंट्री दिलाना है. हालांकि हम मेरिट पर समझौता नहीं करते और जब ऐसे लोगों को चांस नहीं मिला तो उन्होंने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया. उन्होंने दूसरी टीम उतारकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में अशांति फैलाने की कोशिश की है. तिवारी ने आगे कहा, ये लोग बिहार क्रिकेट की छवि को तार-तार करना चाहते हैं.

क्यों पैदा हुआ है ये सारा विवाद?

तिवारी ने इस विवाद के पीछे का पूरा कारण विस्तार से बताया है. उन्होंने कहा, साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिली थी और BCCI ने हमे वित्तीय सहायता देनी शुरू की. बिहार और झारखंड के दो राज्यों में बंटने के बाद तत्कालीन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को बदलकर झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन बना दिया गया था और बिहार राज्य बिना किसी क्रिकेट एसोसिएशन के रह गया था. इसके बाद बिहार में लोगों ने तीन-चार एसोसिएशन बना ली और मान्यता पाने के लिए आपस में ही लड़ना शुरू कर दिया. 

तिवारी ने कहा, जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का गठन हुआ तो इन लोगों ने मान्यता के लिए लड़ना शुरू कर दिया. तब मैं चेयरमैन बना और सबकुछ अपने हाथ में लिया. साथ ही बिहार क्रिकेट को बेहतर ऊंचाई पर पहुंचाने का संकल्प लेकर काम करना शुरू किया. तिवारी ने कहा, जब मैं अध्यक्ष बना था तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पास कोई ऑफिस भी नहीं था. आज हमारा ऑफिस है और वहां हर कोई मेहनत करता है. हर विंग का GM और लोकपाल है. साथ ही इसकी अपनी भ्रष्टाचार विरोधी इकाई भी है.

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'कुछ लोग अपने बच्चे जबरन घुसाना चाहते हैं' दो रणजी टीम विवाद पर दी बिहार क्रिकेट
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'कुछ लोग अपने बच्चे जबरन घुसाना चाहते हैं' दो रणजी टीम विवाद पर दी बिहार क्रिकेट अध्यक्ष ने सफाई

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