डीएनए हिंदी: पहले ओलंपिक (Olympic) में  कांस्य, राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदकों की झड़ी और इतने गौरवान्वित सफर के बाद तिहाड़ जेल का ठिकाना... यह कहानी है ओलंपिक पदक विजेता और पहलवान सुशील कुमार की जिनका आज 39वां जन्मदिन (Sushil Kumar) है. एक 14 वर्षीय युवा सुशील कुमार जो अपने पिता और चचेरे भाई से प्रेरित होकर कुश्ती के क्षेत्र में देश के लिए पदक लाने की सोचता है और मेहनत के दम पर ओलंपिक, राष्ट्रमंडल समेत सभी राष्ट्रीय मंचों पर देश को गौरवान्वित करता है. मेहनत के चलते जब वो पहलवान करियर की शीर्ष पर था तो उस दौरान ही एक अपराध ने न केवल करियर खत्म कर दिया बल्कि उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

संघर्षों से शिखर तक

अपने पिता और चचेरे भाई से प्रेरित होकर सुशील कुमार ने 14 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की. उन्होंने सीनियर स्तर पर 2003 में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता, उसके बाद राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. उसी वर्ष 2003 विश्व चैम्पियनशिप में चौथा स्थान हासिल किया था. राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप के 2005 और 2007 संस्करणों में सुशील कुमार ने स्वर्ण पदक जीता. 

संघर्षों की सीढ़ियां चढ़ते हुए 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता. कुमार 2010 में मास्को में FILA विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने. उसी वर्ष पहलवान ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया और एक और स्वर्ण पदक जीता. उनके शानदार प्रदर्शन के बाद पहलवान को 2012 के लंदन ओलंपिक में भारतीय ध्वज फहराकर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. उन्होंने 66 किग्रा वर्ग में इस आयोजन में रजत पदक जीता. 

ऑस्ट्रेलिया में आखिरी पदक 

सुशील कुमार ने अपना आखिरी पदक 2018 में जीता था.  उन्होंने आखिरी बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में था जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद से उनका करियर लगातार ढलान पर आ गया लेकिन उनके एक कदम ने इसे बिल्कुल ही खत्म कर दिया. 

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ओलंपिक से तिहाड़ तक 

सुशील कुमार को पिछले साल छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद के बाद 23 वर्षीय जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सागर की हत्या के आरोपों को भी स्वीकार कर लिया. आज वो दिल्ली दंगों के आरोपी उयर खालिद के साथ जेल में बंद हैं.

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जेल में ले रहे फिटनेस क्लासेज

आज की स्थिति में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार आधा दर्जन कैदी तिहाड़ जेल में सुशील कुमार की फिटनेस क्लासेज में शामिल हैं और सप्ताह में दो या तीन बार प्रशिक्षण ले रहे हैं. सुशील कुमार से सलाह लेने वाले कैदियों में से एक जेएनयू के छात्र और दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद भी हैं, खास बात यह है कि दोनों एक ही वार्ड में हैं.

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Sushil Kumar Birthday: From Olympics to Tihar such is the story of Indian wrestler
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Sushil Kumar ने साथी पहलवान की किया था मर्डर
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Sushil Kumar Birthday: From Olympics to Tihar such is the story of Indian wrestler
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Sushil Kumar Birthday: ओलंपिक से तिहाड़ तक... ऐसी है दिग्गज पहलवान की विवादित कहानी