डीएनए हिंदी: विंटर ओलंपिक्स की शुरुआत शुक्रवार से बीजिंग में होगी. इसमें भारत से केवल एक एथलीट शामिल होगा. भारत के एथलीट आरिफ खान ने 4 फरवरी से होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के लिए जगह बनाई है. आरिफ स्कीइंग करते हैं.
कश्मीर के बारामूला जिले में जन्मे आरिफ खान ने बचपन से ही स्कीइंग करना शुरू कर दिया था. वह महज 12 साल की उम्र में अपनी पहली नेशनल स्लैलम चैंपियनशिप जीत चुके हैं. आरिफ ने 1994 में स्कीइंग शुरू की जब वह मुश्किल से 3-4 साल के थे. उनके पिता ने उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया. पिता यासीन खान गुलमर्ग के अपहरवत की ढलानों पर स्की करते थे. उनकी कश्मीर में स्की उपकरण की दुकान है.
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127 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में ले चुके हैं हिस्सा
आरिफ ने किसी भी भारतीय एथलीट के लिए पहली बार शीतकालीन ओलंपिक की दो अलग-अलग स्पर्धाओं - स्लैलम और जाइंट स्लैलम में स्थान हासिल किया है. वह अब तक 127 अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुके हैं.
यूरोप और उपकरणों में उनके प्रशिक्षण के लिए 17.46 लाख रुपये की राशि स्वीकृत किया गया है. आरिफ ने दक्षिण एशियाई शीतकालीन खेलों (2011 में उत्तराखंड में आयोजित) में स्लैलम और जायंट स्लैलम स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीते हैं. उन्होंने गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर में आयोजित खेलो इंडिया विंटर गेम्स के दोनों संस्करणों में भी भाग लिया है.
खान ने कहा, पिछले एक साल में मेरे प्रशिक्षण का अच्छी तरह से ध्यान रखा गया है. मैं पहले की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा हूं. आरिफ प्योंगचांग में 2018 शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेना चाहते था लेकिन क्राउडफंडिंग के बाद भी प्रशिक्षण और उपकरण खर्च के लिए 1.5 लाख रुपये कम पड़ गए.
ESPN की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट एजेंसी JSW स्पोर्ट्स उन्हें जम्मू-कश्मीर सरकार के समर्थन के साथ 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करती है. कथित तौर पर वह अपने परिवार की मदद से 50 प्रतिशत खर्च वहन करते हैं.
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वह अपने खर्चों को पूरा करने के लिए स्कीइंग प्रशिक्षक के रूप में काम कर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आरिफ को प्रशिक्षण देने में मदद करने के लिए 10 लाख रुपये की मंजूरी दी थी. इन बाधाओं के बावजूद उन्होंने 2022 शीतकालीन ओलंपिक की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी शादी को स्थगित कर दिया. शुक्रवार से शुरू हो रहे शोपीस इवेंट में आरिफ का लक्ष्य टॉप -30 में स्थान हासिल करना है.
आरिफ ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो अगर आप पदक के दावेदार बनना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 10 साल के प्रशिक्षण और तैयारी की जरूरत है. उचित बजट और फंडिंग की जरूरत है तभी पदक की दावेदारी में होना संभव है. उन्होंने कहा, मैं कुछ वर्षों से गंभीरता से प्रशिक्षण ले रहा हूं और मेरी उम्मीद दुनिया के शीर्ष 30 में शामिल होने की है. शीर्ष 30 में होना दुनिया में पदक विजेताओं की तरह है.
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उन्होंने मानसिक तैयारी पर कहा, यदि कोई शारीरिक रूप से मजबूत है लेकिन यदि वही व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है तो इससे कई गलतियां हो सकती हैं जिससे खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ सकता है. आरिफ के ईवेंट 13 और 16 फरवरी को होंगे. उन्होंने आगे कहा, बहुत अच्छा लगता है कि मैं करोड़ों लोगों का प्रतिनिधित्व करने जा रहा हूं. मेरा सपना लोगों को प्रेरित करना है. मैं हमेशा ऐसा बनना चाहता था जो वास्तव में आने वाली पीढ़ी के लिए एक रेखा खींच सके.
क्या है विंटर ओलंपिक्स?
शीतकालीन ऑलंपिक खेल एक विशेष ओलम्पिक खेल होते हैं जिनमें में अधिकांशत: बर्फ पर खेले जाने वाले खेलों की स्पर्धा होती है. इन खेलों में ऑल्पाइन स्कीइंग, बायथलॉनबॉब्स्लेड, क्रॉस कंट्री स्कीइंग, कर्लिंग, फिगर स्केटिंग, फ्रीस्टाइल स्कीइंग, आइस हॉकी, ल्यूज, नॉर्डिक कंबाइंड, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग, स्केलेटन, स्नोबोर्डिंग, स्पीड स्केटिंग आदि खेल स्पर्धाएं होती हैं.
इंडिया में बर्फ पर खेले जाने वाले इवेंट कम आयोजित होते हैं इसलिए इसमें भारतीय खिलाड़ियों की संख्या कम होती है. भारत ने पिछले कुछ वर्षों में शीतकालीन खेलों में भाग लेने के लिए केवल 15 एथलीटों को भेजा है उनमें से किसी ने भी कोई पदक नहीं जीता है.
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Winter Olympics में इंडिया से सिर्फ एक एथलीट, जानिए कौन हैं आरिफ खान