डीएनए हिंदी: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) में कमाल करते हुए महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने रिकॉर्ड 5वीं बार खिताब जीता है. इस खिताबी जीत के बाद धोनी का लेटेस्ट फोटो सामने आया है, जिसमें वे भगवद् गीता हाथ में लिए दिख रहे हैं. इस फोटो को देखकर क्रिकेट प्रेमियों ने सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या आईपीएल जीत का फॉर्मूला भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों से जुड़े इसी धर्मग्रंथ से निकला है?
मुंबई में क्लिक किया गया है फोटो
धोनी का यह फोटो मुंबई में क्लिक किया गया है, जहां वे आईपीएल में खिताबी जीत के बाद इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं. धोनी मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जहां उनके घुटने की सर्जरी की जाएगी. उनके घुटने में आईपीएल के दौरान गंभीर चोट लग गई थी. अस्पताल में भर्ती होने के लिए पहुंचने के दौरान धोनी की एक फोटो क्लिक की गई, जिसमें वे कार में बैठकर भगवद् गीता दिखा रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं.
MS Dhoni in Mumbai after winning the IPL 2023. pic.twitter.com/8omYdFanIO
— Johns. (@CricCrazyJohns) June 1, 2023
घुटने की चोट के बावजूद आईपीएल नहीं छोड़ी
धोनी के इस बार आईपीएल में उतरने से पहले ही उनके संन्यास लेने की अफवाहें उड़ने लगी थी. कहा जा रहा था कि वे अपना आखिरी आईपीएल सीजन खेल रहे हैं. खुद धोनी ने भी इस बात का इशारा किया था. इसी दौरान उनके घुटने में चोट लग गई थी. चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम जीत नहीं रही थी और ऊपर से चोट के कारण धोनी के बीच में ही टूर्नामेंट से बाहर हो जाने का खतरा पैदा हो गया था. धोनी ने गंभीर चोट के बावजूद अपनी टीम को मंझधार में नहीं छोड़ा और पूरी टूर्नामेंट में चोट के दर्द से जूझते हुए ही खेलते रहे. उन्होंने इस दौरान विकेटकीपिंग के लिए भी किसी दूसरे खिलाड़ी पर भरोसा नहीं किया. नतीजतन उनकी टीम का हौसला भी बुलंदी पर पहुंच गया और फाइनल मैच में आखिरी गेंद पर चेन्नई सुपरकिंग्स ने गुजरात टाइटंस को मात देकर 5वीं बार खिताब जीत लिया.
भगवद् गीता के उपदेशों से क्यों हो रही कप्तानी की तुलना
धोनी के हाथ में भगवद् गीता देखकर उनकी कप्तानी की तुलना उससे हो रही है. दरअसल इसके लिए चैंपियन बनाने के दौरान उनकी तरफ से लिए फैसलों को कारण माना जा सकता है. धोनी ने चोट के कारण टीम इंडिया के लिए नहीं खेल पा रहे दीपक चाहर को मैदान में उतारा. जिस अजिंक्य रहाणे पर कोई भरोसा नहीं जता पा रहा था, उसे उन्होंने टीम में लिया और वह बदले रंग में दिखाई दिया. बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी को केवल बल्लेबाज के तौर पर मैदान में नहीं उतारा बल्कि टीम के लिए सही कॉम्बिनेशन के हिसाब से प्लेयर्स का सलेक्शन किया. ये ऐसे फैसले थे, जिनकी तुलना गीता उपदेश से की जा सकती है.
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आईपीएल जीतने के बाद भगवद् गीता के साथ दिखे धोनी, क्या इसी से मिला था विनिंग फॉर्मूला?