डीएनए हिंदी: ऋद्धिमान साहा के साथ विवाद मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने विकेटकीपर बल्लेबाज Wriddhiman Saha को आपत्तिजनक मैसेज भेजने के आरोप में पत्रकार बोरिया मजूमदार को दोषी करार दिया है. बोर्ड ने उन पर 2 साल का बैन भी लगाया है. टॉक शो होस्ट बोरिया मजूमदार (Boria Majumdar) पर साहा ने एक इंटरव्यू के लिए डराने-धमकाने का आरोप लगाया था. साहा ने वॉट्सऐप मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया था जिसके बाद बीसीसीआई ने जांच की और उन्हें दोषी पाया है.
2 सालों तक नहीं दिखेंगे बीसीसीआई के कार्यक्रम में बोरिया
बोर्ड के लगाए बैन का मतलब है कि अगले 2 सालों तक मजूमदार बीसीसीआई या बीसीसीआई से जुड़े किसी भी स्टेट बोर्ड के स्टेडियम के अंदर नहीं जा सकते हैं. उन्हें न तो बोर्ड की ओर से मीडिया मान्यता दी जाएगी. साथ ही, उन्हें बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड किसी भी खिलाड़ी का इंटरव्यू करने की भी अनुमति नहीं है.
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जांच समिति ने BCCI को भेजा मेल
समिति ने बीसीसीआई को भेजे आधिकारिक मेल में कहा, 'जैसा कि आप सबको पता है कि ऋद्धिमान साहा ने एक पत्रकार के भेजे मैजेस का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है जहां उन्हें उस पत्रकार के बर्ताव की वजह से धमकी देने का अहसास हुआ है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने मामले की समीक्षा की और ये समझा कि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए जरूरी जांच की है. बोर्ड इस मामले में पत्रकार बोरिया मजूमदार को दोषी पाता है.'
यह है पूरा विवाद
ऋद्धिमान साहा ने 23 फरवरी को बिना नाम लिए एक मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया था. मैसेज में उनका करियर खत्म करने की धमकी दी गई थी. मामला तूल पकड़ने के बाद साहा ने बोरिया मजूमदार का नाम बताया था और इस मामले में बीसीसीआई में बयान भी दिया था. साहा के ट्वीट के बाद वीरेंद्र सहवाग, इरफान पठान जैसे कई खिलाड़ियों ने उनका समर्थन किया था.
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Boria Mazumdar Banned: ऋद्धिमान साहा को धमकाने के मामले में दोषी, 2 साल के लिए हुए बैन