WWE के बिकने की अटकलें पिछले काफी वक्त से चल रही थीं और अब इस पर विराम लग गया है. सऊदी अरब की पब्लिक इनवेस्टमेंड फंड ने WWE को खरीद लिया है. पिछले साल कंपनी के निर्माता और सीईओ विंक मैकमेहन ने यौन शोषण के आरोपों के बाद रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था. उसके बाद से ही कंपनी के बिकने की खबरें चर्चा में थीं. विंस के साथ उनकी बेटी और को-सीईओ स्टेफनी और दामाद ट्रिपल एच ने भी कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. सऊदी अरब को अपने कठोर कानूनों के लिए जाना जाता है लेकिन फिर भी WWE खरीदने के पीछे की वजह और डील की बारीकियां समझें.
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स्टेफनी मैकमेहन ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है. उनके पिता ने भी कंपनी के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि ऐसी चर्चा है कि कंपनी से जुड़े सभी अधिकारों और कानूनी पेचीदगी को सुलझाने के लिए विंस कुछ समय के लिए सीईओ या किसी और पद पर वापसी कर सकते हैं ताकि हस्तांतरण की प्रक्रिया आसानी से हो सके. खबर है कि स्टेफनी के पति और फेमस रेसलर ट्रिपल एच कंपनी के चीफ कॉन्टेंट ऑफिसर बने रहेंगे.
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WWE को दुनिया की सबसे ग्लैमरस और मनोरंजक फाइट बनाने में बड़ा योगदान स्टेफनी का भी है. स्टेफनी ने इस गेम में ग्लैमर लाने के लिए काफी मेहनत की थी. उनके पिता विंस को इस गेम को रोमांचक और मनोरंजन से भरपूर बनाने का श्रेय दिया जाता है. मैकमेहन परिवार की कोशिशों का ही नतीजा रहा कि यह खेल दुनिया के सबसे लोकप्रिय गेम में से एक बन गया.
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पूरी दुनिया की उत्सुकता यह जानने में है कि आखिर यह डील कितने में हुई है. डील के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स की मानें तो 1 बिलियन डॉलर में डील हुई है. साथ ही प्रति इवेंट के लिए सऊदी अरब की ओर से अगले 10 साल के लिए प्रति इवेंट 50 मिलियन डॉलर की रकम भी दी जाएगी.
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सऊदी अरब यूं तो कट्टर इस्लामिक देश है लेकिन पिछले 2-3 सालों से वहां WWE प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है. महिलाओं के लिए भी फाइट आयोजित की गई थी. हालांकि फाइट में महिलाओं ने बिकिनी की जगह पर फुल टीशर्ट और ट्राउजर्स पहना था.
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WWE को खरीदने का फैसला सऊदी शासन ने यूं ही नहीं किया है. पिछले कुछ वक्त से कई मुस्लिम देश अपनी कट्टर पहचान से आजाद होने के लिए कानूनों में बदलाव कर रही हैं. इसमें यूएई और सऊदी अरब का नाम सबसे ऊपर आता है. सऊदी की कोशिश वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय खेलों में निवेश की है ताकि बड़े मंचों पर वह खुद को बदलते हुए उदार देश के तौर पर पेश कर सके.