विराट कोहली की फॉर्म पर पिछले काफी समय से सवाल उठ रहे हैं. आईपीएल 2022 में कोहली का बल्ला कुछ खास नहीं चला है और इंग्लैंड के साथ टेस्ट और दूसरे टी-20 में भी वह कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं. वेस्टइंडीज के साथ सीरीज के लिए उन्होंने रेस्ट मांगा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोहली का ब्रेक लेना ठीक है या क्या वक्त आ गया है कि उन्हें ड्रॉप कर दिया जाए. टी-20 वर्ल्ड कप अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में है और कोहली की फॉर्म में वापसी टीम के लिए बहुत जरूरी है. टीम इंडिया के रन मशीन कहे जाने वाले कोहली के लिए ब्रेक लेना ठीक है या उन्हें ड्रॉप किया जा सकता है, आंकड़ों में समझें.
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कोहली ने इस साल अब तक 3 ही टी-20 खेले हैं और उन्होंने उसमें 52, 17 और 1 रन बनाए हैं. उनका औसत 23 से कुछ ज्यादा का है. आईपीएल 2022 कोहली के करियर का सबसे निराशाजनक सीजन कह सकते हैं. आईपीएल 2022 में उन्होंने 16 मैच खेले हैं और कुल 341 रन ही बनाए थे. इसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं और 3 बार वह गोल्डन डक का शिकार हुए थे. इस आईपीएल सीजन में कोहली का औसतर 22.73 का रहा है. कोहली की फॉर्म को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं और अब देखना है कि रन मशीन कब तक फिर से फॉर्म में आते हैं.
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विराट कोहली को दूसरे टी-30 के लिए इन फॉर्म दीपक हुड्डा की जगह मिली थी और वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं. ऐसे में कई दिग्गज पूर्व क्रिकेटर यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर रैंकिंग में नंबर 2 गेंदबाज आर अश्विन को बेंच पर बिठाया जा सकता है तो कोहली को फॉर्म में नहीं होने पर ड्रॉप क्यों नहीं किया जा सकता है. हालांकि, रवि शास्त्री का कहना है कि कोहली को कुछ दिन का ब्रेक लेना चाहिए. वेस्टइंडीज दौरे के लिए कोहली ने खुद ब्रेक की मांग की थी.
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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने विराट कोहली के ब्रेक लेने पर सवाल उठाया है. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि 13 साल के करियर में उन्होंने कभी भी ब्रेक की मांग नहीं की थी. इरफान पठान ने भी कोहली के ब्रेक लेने पर निशाना साधा है. पठान ने कहा कि ब्रेक लेने और छुट्टी मनाने से किसी की फॉर्म वापस नहीं आती है. वर्ल्ड कप अक्टूबर में है और उससे पहले वेस्टइंडीज दौरे पर ब्रेक लेने की बात बहुत से फैंस को भी जम नहीं रही है.
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सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों का मानना है कि कोहली की दिक्कत स्विंग गेंदों पर सही रणनीति नहीं अपनाना है. कोहली रन नहीं बना पा रहे हैं और वह स्विंग गेंद पर लगातार आउट हो रहे हैं. गावस्कर ने उन्हें सलाह दी है कि कोहली को स्विंग गेंदों को जल्दी खेलने के बजाय इंतजार करना चाहिए. गावस्कर का कहना है कि 2018 में इंग्लैंड सीरीज में विराट को इसी रणनीति पर चलते हुए सफलता मिली थी. दिक्कत यह है कि कोहली के बॉडी लैंग्वेज और एटीट्यूट में भी पहले वाली निरंतरता नहीं दिख रही है और वह डिफेंसिव मोड में नजर आ रहे हैं.
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सवाल अब भी यही है कि कोहली को ड्ऱॉप करने का वक्त आ गया है या फिर उन्हें ब्रेक के बाद वापसी करने में मदद मिलेगी? इतना तो तय है कि ब्रेक लेने पर कोहली को अपनी गलतियों पर विचार करने के लिए समय मिलेगा और वह तकनीक को लेकर जरूरी चर्चा कर सकते हैं. इस वक्त कोहली खुद मानसिक तौर पर संघर्ष कर रहे हैं और ऐसे वक्त में ड्रॉप किया जाता है तो शायद उनका आत्मविश्वास और भी डगमगा जाएगा. ऐसे में कोहली के लिए वापसी करना और भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे वक्त में ब्रेक लेने से कोहली को एक अच्छा वक्त मिलेगा ताकि वह अपनी कमजोरियों को समझ सकें और वर्ल्ड कप से पहले जरूरी सुधार कर सकें.