रोजर फेडरर ने टेनिस से रिटायर होने की घोषणा कर दी है. 20 ग्रैंडस्लैम विजेता फेडरर का करियर और उपलब्धियां विलक्षण हैं. दुनिया भर में उनके चाहने वाले और फैंस हैं. फेडरर किसी भी टूर्नामेंट में खेल रहे हों उनके फैंस उन्हें सपोर्ट करने पहुंचते हैं. उनके नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं. हालांकि उनकी जिंदगी और सफलता की कहानी से बहुत से लोग प्रेरणा ले सकते हैं. जानिए उनकी जिंदगी के कुछ अनजाने पहलुओं के बारे में.
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रोजर फेडरर महान टेनिस खिलाड़ी यूं ही नहीं बने हैं. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने अथक मेहनत की है और बहुत बड़ी कुर्बानियां भी दी हैं. फेडरर की टेनिस प्रतिभा और लगन देखते हुए उनके परिवार ने उन्हें पूरा ध्यान खेल पर लगाने की सलाह दी थी. इस वजह से फेडरर हाई स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके और उन्होंने 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था.
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फेडरर भले ही टेनिस की वजह से पढ़ाई नहीं कर सके लेकिन खेल और प्रोफेशनल ज़रूरतों को देखते हुए उन्होंने कई भाषाएं सीखी हैं. यह भी दिलचस्प है कि स्विस भाषा के अलावा उन्हें 9 भाषाएं आती हैं. इनमें अंग्रेजी के साथ रोमन, स्पेनिश, जर्मन फ्रेंच जैसी भाषाएं शामिल हैं. सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने भाषा को लेकर दिलचस्प बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भाषा उनके लिए उम्मीद है कि वह दुनिया के ज्यादा से ज्यादा लोगों की बात समझ सकते हैं.
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रोजर फेडरर विवादों से काफी दूर रहते हैं और पूरी तरह से फैमिली पर्सन हैं. स्विट्जरलैंड में उन्हें कई बार परिवार के लिए सब्जियां और घरेलू सामान खरीदते देखा गया है. इतना ही नहीं फेडरर अपने चारों बच्चों के लिए संडे को पास्ता भी बनाते हैं. सेलिब्रिटी होने के बाद भी परिवार के लिए उनका प्यार और समर्पण आदर्श है.
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स्विट्जरलैंड के लोगों को अपने विलक्षण खिलाड़ी पर गर्व है. साल 2017 में फेडरर के नाम पर स्विस स्टांप बनी थी. स्विट्जरलैंड के इकलौते नागरिक हैं जिन्हें जीवित रहते ये सम्मान मिला था. इसके अलावा भी उन्हें देश और दुनिया में कई बड़े सम्मान मिले हैं.
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बहुत से लोगों को यह बात जानकर हैरानी होगी लेकिन रोजर फेडरर गायों से बहुत प्यार करते हैं. स्विट्जरलैंड में उन्होंने अपने फार्म में गाय ही नहीं कई तरह के और भी जानवर पाल रखे हैं. हालांकि गायों से उनका सबसे ज्यादा लगाव है. 21 साल की उम्र में फेडरर ने पहला विंबलडन टाइटल जीता था और यह टूर्नामेंट जीतने वाले वह अपने देश के पहले खिलाड़ी थे. इसके बाद उन्हें तोहफे में एक दुर्लभ और बेहद महंगी नस्ल की गाय दी गई थी. फेडरर ने बहुत प्यार से उस गाय का नाम जूलियट रखा था.
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रोजर फेडरर की गिनती दुनिया के सबसे अमीर खिलाड़ियों में होती है. अनुमान के मुताबिक उनकी दौलत 4372 करोड़ रुपये से ज्यादा की है.अपने करियर में 130 मिलियन डॉलर उन्होंने सिर्फ प्राइज मनी के तौर पर कमाई है. हालांकि इसके बाद भी कई बार उन्हें स्विट्जरलैंड में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते देखा गया है. फेडरर समाज कल्याण की कई मुहिम से भी जुड़े हुए हैं.
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रोजर फेडरर की जिंदगी में उनकी मां लिनेट फेडरर की छाप बहुत गहरी है. फेडरर की मां खुद एक प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर थीं और वह स्विट्जरलैंड में टेनिस की क्लब कोच रह चुकी हैं. एक इंटरव्यू में लिनेट ने कहा था कि उनकी जड़ें अफ्रीका में हैं और अफ्रीका के जुझारू मूल्यों मे फेडरर को मैदान के अंदर और बाहर हमेशा एक फाइटर की तरह आगे बढ़ने में मदद की है. फेडरर खुद यह बात स्वीकारते हैं कि उन्होंने टेनिस की बारीकियां और बुनियादी समझ मां से ही ली थीं.