डीएनए हिंदी: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) जिमनास्टिक में भारत की पदक की एक मात्र उम्मीद योगेश्वर सिंह (Yogeshwar Singh) के हाथ निराशा लगी है. योगेश्वर होरिजेंटल बार्स में संयुक्त रूप से 14वें स्थान पर रहे. उन्हें 12.700 अंक मिले. उनका टोटल रहा 50.300. देश को उनसे पदक की उम्मीद थी लेकिन वह मेडल जीतने से चूक गए हैं. सिंह ने फाइनल में जब अपनी जगह बनाई तबसे ही पूरे देश को उनसे पदक की उम्मीद थी. उनके शहर अंबाला में तो लोग लगातार प्रार्थना कर रहे थे. जिमनास्टिक में उनके सफर की कहानी भी काफी दिलचस्प है.
सेना में हवलदार हैं योगेश्वर सिंह
योगेश्वर सिंह का परिवार बहुत सामान्य पृष्टभूमि का है. उनके पिता अस्पताल में वार्ड अटेंडेंट थे और उन्होंने ही अपने सभी बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया था. योगेश्वर ने अपनी बहन के साथ जिमनास्टिक सीखना शुरू किया था और धीरे-धीरे वह इस खेल में माहिर होते गए.
गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह फाइनल तक पहुंचे थे लेकिन पदक नहीं जीत पाए थे. सिंह खुद सेना में हवलदार हैं और इस वक्त पुणे में पोस्टेड हैं. साल 2015 से सिंह सेना में कार्यरत हैं और नौकरी के साथ अपनी प्रैक्टिस को भी पूरा समय देते हैं.
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क्वालिफाइंग मुकाबले में 16वें स्थान पर रहे थे योगेश्वर
ऑल-अराउंड जिम्नास्टिक में फाइनल तक पहुंचने वाले योगेशवर अकेले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं. उनके साथ पश्चिम बंगाल के सैफ तंबोली और सत्यजीत मंडल ने भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था लेकिन वह क्वालिफाई करने से चूक गए थे. क्वालिफिकेशन मुकाबले में योगेश्वर सिंह 73.600 के कुल स्कोर के साथ 16वें स्थान पर रहे थे.
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जिमनास्टिक में पदक से चूके योगेश्वर सिंह, अंबाला के हवलदार की दिलचस्प कहानी जानिए