डीएनए हिंदी: विनोद कांबली (Vinod Kambli Birthday) की गिनती दुनिया के बेहतरीन क्रिकेटर्स में की जाती है. कांबली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार 18 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू (Vinod Kambli Debut) किया था. लगभग एक साल बाद उन्हें टेस्ट में डेब्यू किया जहां शुरुआत में उन्होंने खुद के सबसे बेस्ट साबित किया. शुरुआती 7 मैच में ही कांबली ने 4 शतक जड़ क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया. उन्हें सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से भी बड़ा बल्लेबाज माना जाने लगा लेकिन फिर भी कांबली का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला. चलिए जानते हैं क्या थी वजह जिसकी वजह से उस खिलाड़ी का करियर खत्म हो गया जिसे सचिन से भी बड़ा बल्लेबाज माना जाता था.
विनोद कांबली आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म 18 जनवरी 1972 को मुंबई में हुआ था. सचिन तेंदुलकर से साथ स्कूल में पढ़ने वाले कांबली ने सचिन के साथ भारत के लिए क्रिकेट भी खेला लेकिन उनका करियर ज्यादा नहीं चला. एक समय ऐसा आया कि विनोद कांबली अपनी बल्लेबाजी से ज्यादा अनशासनहीनता की वजह से चर्चा में रहने लगे. इसके बाद फॉर्म ने भी उनका साथ छोड़ दिया. हालांकि उन्हें वापस भी टीम में जगह दी गई लेकिन कांबली को कारानामा नहीं कर पा रहे थो जो उन्होंने शुरुआत में किया था. टीम से अंदर-बाहर होने का सिलसिला भी खत्म हुआ और कांबली को हमेशा के लिए टीम से बाहर कर दिया गया.
100 से अधिक वनडे खेले कांबली
इसी वजह से विनोद कांबली का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला. उन्होंने अपने करियर में 17 टेस्ट मैच खेले और 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए. वह भारत के लिए 104 वनडे मैच भी खेले और 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल रहे. क्रिकेट से दूर होने के बाद कांबली को जिवन यापन करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. मुंबई में अपना घर और रेंज रोवर कार होने के बावजूद इस क्रिकेटर की हालत बीच में काफी तंग हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने जॉब के लिए गुहार भी लगाई थी.
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कांबली की वो गलतियां जिससे खत्म हो गया उनका करियर, आज काम तक के लिए पड़ रहा गिड़गिड़ाना