डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सांसद मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Death) ने सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली है. नेताजी के नाम से देश भर में मशहूर मुलायम ने जिंदगी की शुरुआत बतौर पहलवान की थी और अखाड़े में जमकर अभ्यास करते थे. कुश्ती के लिए उनकी दीवानगी इस हद तक थी कि वह कई किलोमीटर पैदल चलकर या साइकल से अखाड़े पहुंचा करते थे. कुछ ही दिनों में वह स्थानीय इलाके में अपनी पहलवानी के दमखम की वजह से चर्चित हो गए थे.
कुश्ती के लिए छोड़ी परीक्षा, दरोगा को किया था चित्त
मुलायम सिंह यादव को कुश्ती से प्रेम ही नहीं था वह इसमें खासे पारंगत भी थे. उनके राजनीतिक गुरु उदय प्रताप ने राज्यसभा में बताया था कि युवावस्था में मुलायम की कुश्ती के लिए ऐसी दीवानगी थी कि उन्होंने अपनी परीक्षा ही छोड़ दी थी. इतना ही नहीं एक मंच पर उन्होंने युवा और शरीर से काफी मजबूत दिख रहे इंस्पेक्टर को पटकनी दी थी. उन दिनों मुलायम जैन इंटर कॉलेज में पढ़ते थे. बाद में राजनीति की ओर मुड़ गए और फिर कुश्ती भले ही छोड़ दी लेकिन राजनीति के अखाड़े में भी विरोधियों को पटकनी देना नहीं भूले.
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राजनीति में तय किया लंबा मुकाम
मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबा मुकाम तय करने वाले नेताओं में से रहे हैं. वह प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री बने जबकि एक बार उनके बेटे अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री रहे हैं. मुलायम ने रक्षा मंत्री का भी पद संभाला और लगभग 5 दशक तक वह सक्रिय राजनीति में जमे रहे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है.
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राजनीति ही नहीं असली कुश्ती के दांव-पेच में भी पारंगत थे नेताजी, जानें पहलवानी के किस्से