डीएनए हिंदी: हर पिता का सपना होता है अपने बच्चों को कामयाब होते देखना और शायद हर बेटे की ख्वाहिश होती है कि पिता उस पर गर्व करें. कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग कामयाबी की बुलंदी तक पहुंचते हैं लेकिन वहां उन्हें देखने के लिए उनके अपने नहीं रहते हैं. बिहार के मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) की कहानी ऐसी है. गोपालगंज के एक ऑटो ड्राइवर पिता के बेटे का जब टीम इंडिया (Ind Vs SA ODI Team) में चयन हुआ तो उनके पूरे गांव में खुशी थी लेकिन खुद मुकेश का दिल बैठा जा रहा था.
पिता को समर्पित की सफलता
मुकेश कुमार तेज गेंदबाज हैं औ घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन का इनाम उन्हें मिला है. इससे पहले मुकेश का चयन भारत ए के लिए हुआ था जिसमें उनके प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम इंडिया का टिकट मिला है. हालांकि इस खुशी को देखने के लिए आज उनके पिता नहीं है जो हर संघर्ष में उनके साथ रहे थे. मीडिया से बात करते हुए मुकेश बहुत भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि इस वक्त मैं सिर्फ अपने स्वर्गवासी पिता को याद कर रहा हूं. मुझे यहां तक पहुंचाने के लिए उन्होंने शायद मुझसे ज्यादा संघर्ष किया था.
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ऑटो चलाने वाले पिता ने बेटे को बनाया बॉलर
मुकेश कुमार कहते हैं कि बचपन से ही क्रिकेट का शौक था इसलिए वह बंगाल चले आए ताकि यहां से उन्हें खेलने क मौका मिल सके. बंगाल में उनके पिता ऑटो चलाते थे और उसी खर्चे में उनका परिवार रहता था. घर से ट्रेनिंग के लिए कई बार वह साइकिल से तो कई बार पैदल ही जाया करते थे. मुकेश की तेज गेंदबाजी की धार ने जल्द ही उन्हें कोलकाता और बंगाल सर्किट में चर्चित बना दिया लेकिन उनके पिता का इस बीच निधन हो गया. अब मुकेश का सपना है कि वह टीम इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन करें और अपने पिता के सपने को पूरा करें.
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टीम इंडिया में चयन पर रोने लगे मुकेश कुमार, आंखें नम हो जाएंगी यह कहानी जानकर