भारतीय टीम 17 साल बाद टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन बन गई है. टीम इंडिया ने हजारों मील दूर बारबाडोस में तिरंगा लहराकर 140 करोड़ देशवासियों को जश्न का मौका दे दिया है. 29 जून को खेले गए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के जबड़े से जीत छीनकर आईसीसी ट्रॉफी का सूखा भी खत्म कर दिया. इससे पहले आखिरी बार 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था. तब भारतीय टीम ने इंग्लैंड को पटखनी देकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था.
रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने एक बार फिर अपनी बादशाहत हासिल कर ली है. हालांकि फाइनल जीतने में भारत को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. एक समय साउथ अफ्रीकी टीम ने मैच पर शिकंजा कस लिया था और ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम ट्रॉफी के करीब आकर फिर से चूक जाएगी. मगर हार्दिक पंड्या के एक विकेट ने बाजी पलट दी. आइए जानते हैं मैच ने कब, कैसे करवट बदली.
हार्दिक पंड्या ने किया बड़ा 'खेला'
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका को 177 रन का टारगेट दिया था. इसके जवाब में एडन मारक्रम की टीम 8 विकेट खोकर 169 रन ही बना सकी और 7 रन से खिताबी मुकाबला हार गई. एक समय साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंद में 30 रन की जरूरत थी और मैच उनके गिरफ्त में थी. क्योंकि हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर जब चाहे, तब बाउंड्री लगा रहे थे. यहां से टीम इंडिया के लिए मैच में वापसी मुश्किल लग रही थी. मगर हार्दिक पंड्या के एक विकेट ने कहानी में ट्विस्ट पैदा कर दी. 15वां ओवर लेकर आए हार्दिक ने तूफानी बल्लेबाजी कर रहे क्लासेन का बड़ा विकेट झटक मैच खोल दिया. क्लासेन के आउट होने के बाद साउथ अफ्रीकी टीम की पारी पटरी से उतर गई. उल्लेखनीय है कि क्लासेन ने पिछले ही ओवर में अक्षर पटेल के खिलाफ 24 रन बटोरे थे.
'सूर्या ने कैच नहीं ट्रॉफी पकड़ा'
क्लासेन का विकेट गिरने के बाद टीम इंडिया के सामने डेविड मिलर के रूप में बड़ा खतरा था. पिछले कुछ सालों में धाकड़ फिनिशर बनकर उभरे मिलर लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ मिलकर मैच को खत्म करने की महारत दिखा चुके हैं. आखिरी ओवर में जब साउथ अफ्रीका को 16 रन की जरूरत थी, तब भी मामला 50-50 का था. क्योंकि मिलर स्ट्राइक पर थे. हालांकि हार्दिक ने पहली ही गेंद पर उनका काम तमाम कर दिया. मिलर को पवेलियन भेजने में सूर्यकुमार यादव के हैरतअंगेज कैच का बड़ा रोल रहा. लो-फुल टॉस गेंद को मिलर ने अच्छा कनेक्ट किया था और गेंद हवा में तैरती हुई सीमा रेखा के बाहर जा रही थी, मगर बीच में सूर्या आ गए. उन्होंने वाइड लॉन्ग ऑफ से बाईं तरफ भागते हुए बाउंड्री लाइन पर करिश्माई रि-ले कैच लपका और मैच भारत की झोली में डाल दी.
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क्लासेन ने रोक दी थी सांसें फिर पंड्या ने किया कमाल, सूर्या का वो कैच... फाइनल में यूं पलटी बाजी