बारबाडोस में टीम इंडिया ने तिरंगा लहरा दिया है. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन बन गई है. 29 जून को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका के जबड़े से मैच छीनकर 17 साल बाद टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. टीम इंडिया पिछली बार 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैंपियन बनी थी. रोहित शर्मा ब्रिगेड ने इसी के साथ आईसीसी ट्रॉफी के 13 साल के सूखे को भी खत्म कर दिया है.
हार्दिक पंड्या ने यूं पलटी बाजी
भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए साउथ अफ्रीका को 177 रन का टारगेट दिया था. इसके जवाब में एडन मारक्रम की टीम 8 विकेट खोकर 169 रन ही बना सकी और 7 रन से मुकाबला गंवा बैठी. एक समय साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंद में 30 रन की जरूरत थी. ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम एक बार फिर आईसीसी ट्रॉफी के करीब आकर चूक जाएगी, लेकिन जसप्रीत बुमराह ने 15वें ओवर में सिर्फ 4 रन देते हुए विपक्षी टीम पर दबाव बनाया. हार्दिक पंड्या ने अगले ओवर की पहली गेंद पर आतिशी बल्लेबाजी कर रहे हेनरिक क्लासेन का विकेट चटकाकर मैच खोल दिया.
अब फिर से बुमराह के ऊपर दबाव बनाए रखने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा को निराश नहीं किया और मार्को यानसन का विकेट चटका दिया. साथ ही 18वें ओवर में सिर्फ 2 रन खर्चे. अब भारतीय टीम मैच में वापस आ चुकी थी. अर्शदीप सिंह ने 19वें ओवर में किफायती गेंदबाजी करते हुए 4 रन दिए और मुकाबले को टीम इंडिया की झोली में डाल दी. हालांकि अभी भी डेविड मिलर के रूप में बड़ा खतरा था.
सूर्या का वो करिश्माई कैच
आखिरी ओवर में 16 रन डिफेंड करने के लिए हार्दिक पंड्या आए. उन्होंने पहली ही गेंद पर मिलर को भी निपटा दिया. सूर्यकुमार यादव का भी इस विकेट में बड़ा योगदान था. सूर्या ने वाइड लॉन्ग ऑफ से बाईं तरफ भागते हुए बाउंड्री लाइन पर करिश्माई रिले कैच लपका. हार्दिक ने इसके बाद कैगिस रबाडा और केशव महाराज के बल्ले पर अंकुश लगाते हुए जीत पर मुहर लगा दी.
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फाइनल में कोहली का दिखा 'विराट' रूप
पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया ने दूसरे ही ओवर में कप्तान रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया. रोहित 5 गेंद में 2 चौकों की मदद से 9 रन बनाकर केशव महाराज का शिकार बने. रोहित के पीछे-पीछे ऋषभ पंत भी पवेलियन लौट गए. भारतीय टीम इन दो बड़े झटकों से उबरी भी नहीं थी कि सूर्या भी आउट हो गए. विराट कोहली ने यहां से मोर्चा संभालते हुए अक्षर पटेल के साथ मिलकर 72 रन की साझेदारी की. बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट किए गए अक्षर ने 31 गेंद में एक चौके और 4 छक्कों की मदद से बहुमूल्य 47 रन बनाए. अक्षर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से रन आउट होकर पवेलियन लौटे. कोहली ने फिफ्टी पूरा करने के बाद गियर बदला और अगली 11 गेंदों में 26 रन ठोके. 19वें ओवर में आउट होने से पहले उन्होंने 59 गेंद में 6 चौके और 2 छक्कों की मदद से 76 रनों की धांसू पारी खेली.
विराट की तरह पूरे टी20 वर्ल्ड कप में शांत रहा शिवम दुबे का बल्ला आज गरजा. उन्होंने 16 गेंद में 27 रन जड़े, जिसमें 3 चौके और एक छक्का शामिल रहा. कोहली-अक्षर और शिवम की पारियों से टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप फाइनल का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया. साउथ अफ्रीका की ओर से केशव महाराज और एनरिक नॉर्खिया ने 2-2 विकेट चटकाए.
क्लासेन की पारी से सहम गए थे भारतीय फैंस
177 रन के टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने 12 रन पर ही 2 विकेट गंवा दिए. रीजा हेंड्रिक्स को जसप्रीत बुमराह ने क्लीन बोल्ड किया तो अर्शदीप सिंह ने कप्तान एडन मारक्रम को विकेट के पीछे लपकवाया. क्विंटन डिकॉक और ट्रिस्टन स्टब्स ने तीसरे विकेट के लिए 58 रन की पार्टनरशिप कर प्रोटियाज टीम को शुरुआती झटकों से उबारा. आक्रामक होकर खेल रहे स्टब्स को अक्षर ने क्लीन बोल्ड किया. स्टब्स गेंद में 31 रन बनाकर आउट हुए. उनके बाद क्विंटन डिकॉक भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक पाए और 39 रन पर पवेलियन लौट गए.
हेनरिक क्लासेन ने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए 23 गेंद में फिफ्टी ठोक दी. क्लासेन ने 15वें ओवर में अक्षर के खिलाफ 24 रन जड़कर मैच का रुख साउथ अफ्रीका की ओर मोड़ दिया था. हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने डेथ ओवरों में धारदार गेंदबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका को पहली आईसीसी ट्रॉफी से दूर कर दिया. क्लासेन ने 27 गेंद में 2 चौके और 5 छक्कों की मदद से 52 रनों की पारी खेली. वहीं मिलर ने 17 गेंद में 21 रन बनाए. भारत की ओर से हार्दिक पंड्या ने 3 जबकि जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह ने 2-2 विकेट झटके.
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बारबाडोस में टीम इंडिया ने लहराया तिरंगा, भारत 17 साल बाद बना टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन