डीएनए हिंदी: रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय टीम को वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हउए 50 ओवर में सभी विकेट गंवाकर 240 रन बनाए. 241 रन के लक्ष्य का ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट गंवाकर ही हासिल कर लिया. इस मैच से पहले भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही थी, जबकि कंगारू टीम को पहले ही दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा था. फाइनल मुकाबले में कंगारुओं ने शानदार ऑलराउंडर प्रदर्शन कर छठी बार वर्ल्डकप का खिताब अपने नाम किया. चलिए जानते हैं वो कौन सी गलतियां हैं, जिन्हें अगर भारतीय टीम नहीं करती तो आझ वर्ल्डकप हमारे पास होता.
लगातार फ्लॉप हो रहे सूर्या को प्लेइंग 11 में रखना
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा से सबसे बड़ी गलती हुई सूर्या को प्लेइंग 11 में रखने से. सूर्या इस पूरे टूर्नामेंट में निराशाजनक प्रदर्शन करते रहे हैं और इसके बावजूद उन्हें फाइनल जैसे बड़े इवेंट में खिलाया गया. वह सेमीफाइनल में भी कुछ खास नहीं कर पाए थे. रोहित शर्मा टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर सेम टीम खिलाने का फैसला किया. सूर्या के पास इस मैच में खुद को साबित करने का मौका था लेकिन पूरे मैच में वह सिर्फ एक चौका लगाकर आउट हो गए.
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सूर्या का वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है लेकिन बावजूब उन्हें लगातार मौके दिए जा रहे हैं और आज भारतीय टीम को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा. सूर्या ने टी20 क्रिकेट में जरूर अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उसके आधार पर उन्हें वनडे में मौके मिले हैं. सूर्या की जगह आज प्लेइंग 11 में ईशान किशन को खिलाया जा सकता था, जिससे एक लोवर ऑर्डर में लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज भी मिलता और बैटिंग लाइनअप भी मजबूत होती.
श्रेयस और गिल का फ्लॉप होना
हालांकि हार की वजह सिर्फ सूर्या ही नहीं है. सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल और मध्यक्रम में श्रेयस अय्यर के बल्ले से भी नहीं नहीं निकले और ये दोनों तब आउट हुए जब इनसे क्रीज पर टिकने की जरूरत थी. गिल और सूर्या 4-4 रन बनाकर पवेलियन लौटे जिससे भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप पर दबाव आ गया और पूरी पारी के दौरान वह दबाव कोई भी बल्लेबाज खत्म नहीं कर पाया.
स्पिनर्स नहीं हासिल कर सके कोई विकेट
फाइनल मुकाबले में हार की वजह स्पिनर्स का विकेट हासिल न करना भी रहा. दोनों स्पिनर्स का टूर्नामेंट में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा लेकिन अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव को कोई सफलता नहीं मिली, जिसकी वजह से बीचे के ओवरों में ट्रेविस हेड और लाबुशेन की साझेदारी पनपती गई और बाद में जाकर भारत के लिए खतरनाक बन गई. दोनों गेंदबाजों को रोहित ने 10 ओवर के बाद ही आक्रमण पर लगा दिया था. दोनों ने मिलकर 20 ओवर किए लेकिन एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए.
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ऑस्ट्रेलिया नहीं, भारत जीतता वर्ल्डकप 2023 का खिताब, अगर रोहित की टीम न करती ये गलती