डीएनए हिंदी: भारतीय क्रिकेट टीम इस समय दुनिया की सबसे मजबूत बैटिंग लाइनअप मानी जा रही है. हालांकि उस बैटिंग लाइनअप में अभी सेंध लगी हुई है. टीम चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले एक भरोसेमंद बल्लेबाज को ढूंढ रही है. ये तलाश आज से ही नहीं बल्कि 2011 वर्ल्डकप से बाद से ही शुरू हो गई थी. हालांकि टीम इंडिया को इस दौरान कई बल्लेबाज मिले लेकिन अभी तक नंबर 4 पर वह सफल नहीं रहे हैं. हालांकि वनडे क्रिकेट के शुरुआती दौरे में टीम इंडिया के साथ ये समस्या नहीं रही थी. 1983 वर्ल्डकप में नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज ने ही अपनी कई दमदार पारियों से भारत को फाइनल में पहुंचाया. फाइनल में भी उन्होंने एक बेहतरीन पारी खेल भारत को खिताब जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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यशपाल शर्मा का जन्म आज ही के दिन साल 1954 में लुधियाना में हुआ था. वह अपने जमाने के एक बेखौफ बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते थे. उनके करियर की शुरुआत तो 1978 में हुई लेकिन वर्ल्डकप का पहला मैच इंग्लैंड में आयोजित 1983 में खेलने को मिला. हालांकि 1979 वर्ल्डकप में भी उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. 13 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले यशपाल शर्मा ने 1985 में अपना आखिरी मैच खेला. अपने 7 साल के करियर में उन्होंने भारत को वर्ल्डकप का खिताब दिलाया.
वेस्टइंडीज के गेंदबाजी आक्रमण को किया ध्वस्त
1983 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने ऐसी पारी खेली जिसे देखकर दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेटर्स भी हैरान रह गए थे. उस समय दो बार की वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड खतरनाक गेंदबाजों से भरी हुई थी. यशपाल शर्मा ने माइकल होल्डिंग, एंडी रोबर्ट्स, मैलकॉम मार्शल जैसे गेंदबाजों का सामना किया और 89 रनों की पारी खेली. भारतीय टीम ने 76 के स्कोर पर के श्रीकांत, सुनील गावस्कर और मोहिंदर अमरनाथ के विकेट गंवा दिए थे. उसके बाद मैदान पर यशपाल शर्मा की तूफान आया और उनकी पारी की बदौलत भारत ने मुकाबला अपने नाम कर लिया.
सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भी खेली शानदार पारी
इसी वर्ल्डकप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि टीम इंडिया फाइनल में पहुंच पाएगी, लेकिन यहां भी यशपाल शर्मा ने ऐसी पारी खेली की पूरा इंग्लैंड देखता ही रह गया और भारत ने उन्हें हराकर फाइनल में जगह बना ली. 50 रन पर भारत ने दो विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद यशपाल शर्मा ने मोर्चा संभाला और 61 रनों की पारी खेली. इस पारी की बदौलत भारत ने 214 रन के लक्ष्य को 36 गेंद पहले ही 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया.
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यशपाल शर्मा ने साल 2021 में आखिरी सांस ली थी. उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले और 2 शतक और 9 अर्धशतक की बदौलत 1606 रन बनाए. उनका हाई स्कोर 140 रन का रहा. वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए, इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक भी जड़े.
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वेस्टइंडीज के दिग्गज भी कांप गए थे, जब यशपाल शर्मा ने वर्ल्डकप 1983 में उठाया बल्ला