नई दिल्लीः भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) आज 34 साल के हो गए हैं. अजिंक्य रहाणे शुरुआत से ही उन क्रिकेटरों में रहे हैं जो विवादों से दूर और शांत स्वभाव वाले होते हैं. वो जिस तरह मैदान में संयमित पारी खेलते हैं ठीक उसी तरह मैदान के बाहर भी संयमित जीवन भी बिताते हैं.
पिता की आर्थिक स्थिति नहीं थी अच्छी
6 जून 1988 को जन्मे अजिंक्य रहाणे को लेकर खास बात यह है कि वो जरूरत के अनुसार टिक कर तो खेलते ही हैं लेकिन आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में धुआंधार बल्लेबाजी करना भी उन्हें बखूबी आता है. किसी भी स्थान पर बेहतरीन फील्डिंग हो या फिर कप्तान की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभालने की भी उनमें पूरी काबिलियत है.
उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में मधुकर और सुजाता रहाणे के घर हुआ था. उनका परिवार एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखता है. उनके परिवार में एक भाई और एक बहन भी है. रहाणे का क्रिकेट के प्रति लगाव देखते हुए उनके पिता उनको 7 साल के उम्र में डोमबिविली स्थित एक छोटे से कोचिंग कैंप में ले गए क्योंकि वहां खर्चा कम था और रहाणे की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.
कब हुई करियर की शुरुआत
आखिरकार 17 साल की उम्र में रहाणे को अच्छी राह तब मिली जब उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज प्रवीण आमरे का हाथ थामा. प्रवीण आमरे की कोचिंग में रहाणे का हुनर निखर कर सामने आया. साल 2007 में जब भारतीय अंडर-19 टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी तब रहाणे ने दो शतक जड़कर सुर्खियां बटोरी थीं. दिलचस्प बात ये है कि उस युवा भारतीय टीम में विराट कोहली, इशांत शर्मा, रवींद्र जडेजा जैसे भारतीय दिग्गज भी शामिल थे.
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इसके बाद न्यूजीलैंड में अंडर-19 खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन करने पर रहाणे ने चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया था. इसके बाद उनको पाकिस्तान में होने वाली मोहम्मद निसार ट्रॉफी के लिए चुन लिया गया. जबकि उस समय तक रहाणे ने एक भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच नहीं खेला था. उन्होंने 19 की उम्र में कराची में अपना प्रथम श्रेणी करियर का आगाज किया था.
इसके चलते रहाणे ने कराची में खेलते हुए अपने पहले ही मैच में सबका दिल जीत लिया था. उन्होंने उस मैच में 143 रनों की पारी खेली थी, जब वो 2008 में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने उतरे तो दूसरी बार में ही मुंबई ने अपना 38वां रणजी खिताब जीत लिया. उसमें सबसे अहम योगदान रहाणे का था जिन्होंने सीजन में 1089 रन बनाए थे. उस समय भी शायद किसी ने नहीं सोचा था कि दस साल बाद 2018 में वही रहाणे मुंबई की टीम के कप्तान बनेंगे.
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रहाणे के नाम है खास रिकॉर्ड्स
उन्होंने कई और खास रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, जैसे- आईपीएल के एक ओवर में छह चौके जड़ने वाले पहले बल्लेबाज, लॉर्ड्स मैदान पर पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ने वाले वो चौथे क्रिकेटर हैं, आईसीसी ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू की है और इस चैंपियनशिप में रहाणे मैन ऑफ द मैच बनने वाले पहले भारतीय हैं और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में शतक जड़ने वाले वो पहले भारतीय हैं.
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