डीएनए हिंदी: हॉकी वर्ल्ड कप (Hockey World Cup 2023) इस बार भारत में हो रहा है और पूरे देश को अपनी टीम से कमाल की उम्मीद है. अब तक भारत ने सिर्फ एक ही बार वर्ल्ड कप जीता है. साल 1975 में मलेशिया में हुए वर्ल्ड कप में भारत ने जीत हासिल की थी. टीम ने वर्ल्ड कप भले ही जीता था लेकिन देश के अंदर उन्हें फेडरेशन से सहयोग नहीं मिला था. उस वक्त टीम बदइंतजामी और आंतरिक राजनीति की वजह से इतनी परेशान हो गई थी कि मदद के लिए तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से गुहार लगानी पड़ी थी.
मलेशिया जाने के लिए भारतीय टीम को हुई थी मुश्किल
दरअसल 1974 से ही आईओए और भारतीय हॉकी फेडरेशन के बीच जंग की स्थिति थी. इसका असर टीम की तैयारियों पर भी पड़ने लगा था. फेडरेशन के पास हॉकी टीम की सुध लेने का वक्त नहीं था और इस वजह से भारतीय टीम ठीक से तैयारी नहीं कर पा रही थी. ऐसे में पंजाब के उस वक्त के सीएम ज्ञानी जेल सिंह ने टीम के लिए चंड़ीगढ़ में मौजूद पंजाब यूनिवर्सिटी में खास कैंप लगाया और टीम के रुकने का इंतजाम हॉस्टल के कमरे में किया गया था. इसके बावजूद भारतीय टीम के वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने को लेकर संशय की स्थिति थी. फेडरेशन में गुटबाजी और झगड़ों की वजह से खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर लग गया था.
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परेशान टीम ने इंदिरा गांधी से लगाई गुहार
इन सबसे परेशान होकर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से खिलाड़ियों ने मदद मांगी. टीम की ओर से टीम ने एक खत पीएम को लिखा और कहा कि लगातार हो रही फेडरेशन की राजनीति से टीम दुखी है और खेल पर अपना ध्यान नहीं लगा पा रही है.इस खत के अंश उस दौर के प्रमुख अंग्रेजी अखबार में भी छपा था. इसके बाद सरकार एक्शन में आई और आखिरकार टीम का मलेशिया जाना तय हुआ. भारतीय टीम ने वहां न सिर्फ अच्छा खेला बल्कि वर्ल्ड कप जीतकर भी लौटी. विश्व विजेता टीम से खुद पीएम इंदिरा गांधी ने मुलाकात की थी और उनके लिए हाई टी का इंतजाम भी किया गया था.
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राजनीति से परेशान होकर हॉकी टीम ने लगाई थी इंदिरा गांधी से गुहार, जानें फिर क्या हुआ