डीएनए हिंदी: फीफा वर्ल्ड कप 2022 (Fifa World Cup 2022) की शुरुआत कतर में 20 नवंबर से हो रही है. वर्ल्ड कप अभी शुरू भी नहीं हुआ है और गोल्डन बूट के दावेदारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है. हर वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट अवॉर्ड सबसे ज्यादा गोल करने वाले को दिया जाता है. आइए जानते हैं कि गोल्डन बूट की कैसे शुरुआत हुई और इसे अब तक कितने लोगों ने जीता है.
Golden Boot Award History
फुटबॉल में गोल्डन बूट अवार्ड (Golden Boot Award) की शुरुआत आधिकारिक तौर पर साल 1982 में हुई थी. पहले इसका नाम गोल्डन शू था लेकिन साल 2010 में इसे बदलकर गोल्डन बूट कर दिया गया. 2006 तक अवॉर्ड गोल्डन शू के नाम से ही दिया गया था. 2010 से इसे गोल्डन बूट के नाम से दिया जा रहा है. फुटबॉल वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी को गोल्डन बूट मिलता है. गोल करने के मामले में दूसरे स्थान पर रहने वाली खिलाड़ी को सिल्वर बूट मिलता है और तीसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ी को ब्रॉन्ज बूट मिलता है.
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Golden Boot Winner Rule
आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि अगर किसी वर्ल्ड कप में 2 खिलाड़ियों ने समान संख्या में गोल किए हैं तब अवॉर्ड का फैसला कैसे होगा? ऐसी स्थिति में 1994 में यह भी निर्णय लिया गया कि अगर दो खिलाड़ियों के गोल की संख्या समान हो तो फिर यह देखा जाएगा कि जिस खिलाड़ी ने गोल करने में ज्यादा संख्या में असिस्ट किया है उसे यह अवॉर्ड मिलेगा. फीफा की तकनीकी समिति इस पर गौर करते हुए अपना फैसला सुनाती है और विजेता का चुनाव करती है. पिछले साल यह अवॉर्ड इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन ने जीता था. उन्होंने 6 गोल टूर्नामेंट में किए थे.
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2010 से अब तक इन खिलाड़ियों ने जीता गोल्डन बूट
2010 जर्मनी थॉमस मुलर
2014 कोलंबिया जेम्स रॉड्रिग्ज
2018 इंग्लैंड हैरी केन
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क्या होता है फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट? जानें इसकी परंपरा, विजेता चुनने के सारे नियम