डीएनए हिंदी: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2003 वर्ल्डकप का फाइनल जोहैनेसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया था. कंगारूओं ने सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को एकतरफा अंदाज में रौंदकर लगातार दूसरी बार वर्ल्डकप जीत लिया था. उस फाइनल की हार का ठिकरा तेज गेंदबाज जहीर के सिर फोड़ा गया था. दरअसल, गांगुली ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पहले बैटिंग करने के लिए बुलाया. जहीर खान पहला ओवर डालने आए. उन्होंने इस ओवर में 10 गेंदें कीं. जिसमें दो नो-बॉल और दो वाइड थी. पहले ओवर की समाप्ति पर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 15 रन था. कई लोगों का मानना है कि जहीर की उस दिशाहीन गेंदबाजी के कारण ऑस्ट्रेलिया हावी हो गया. पर उस मैच का हिस्सा रहे एडम गिलक्रिस्ट ने अलग कहानी बयां की है.
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गिली ने क्या कहा?
एक पॉडकास्ट शो में गिलक्रिस्ट ने कहा, जब हम भारत से वांडरर्स में फाइनल खेलने उतरे तो ऐसा लग रहा था कि हम मुंबई में हैं. काफी ज्यादा भारतीय दर्शक आए हुए थे. सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग चुनी. इसके बाद वह मैक्ग्रा के बगल से गुजर रहे थे. मैक्ग्रा ने कहा, 'यह आज का आपका पहला मिस्टेक है.' और यह साबित भी हुआ. क्योंकि जब टॉस हुआ, तब बादल छाए हुए थे. इसके बाद मैं और हेडन जैसे ही बैटिंग करने गए, बादल छंट गए और सूरज दिखने लगा था. जहीर के पहले ओवर में 15 रन आए और इस तरह हमारी शुरुआत हुई."
मैच का यह हाल रहा
गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन की ओपनिंग जोड़ी ने सिर्फ 14 ओवर में 105 रन की साझेदारी की. हरभजन सिंह ने भारत को पहली सफलता दिलाई. गिली 48 गेंदों में धुआंधार 57 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद आए कप्तान रिकी पोटिंग. हेडन और पोटिंग ने 20 रन ही जोड़े थे कि भज्जी ने कंगारूओं को एक और झटका दे दिया. यहां से ऑस्ट्रेलिया कप्तान ने डेमियन मार्टिन के साथ मिलकर भारतीय गेंदबाजों की धुनाई शुरू की.
दोनों खिलाड़ी अंत तक नाबाद रहे. उन्होंने 30.1 ओवर में 234 रनों का साझेदारी की. पोटिंग ने 121 गेंदों में 140 रनों की आतिशी पारी खेली. जिसमें सिर्फ 4 चौके और 8 गगनचुंबी छक्के शामिल थे. डेमियन मार्टिन ने 84 गेंदों में 88 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 360 रनों का लक्ष्य रखा. जवाब में उतरी भारतीय सलामी जोड़ी पहले ओवर में ही टूट गई और मैच लगभग यहीं खत्म हो गया. ग्लेन मैक्ग्रा ने वर्ल्डकप में रन बरसा रहे सचिन तेंदुलकर को पहले ओवर में ही आउट कर दिया. इसके बाद बस औपचारिकताएं पूरी की गईं. वीरेंद्र सहवाग के 82 रन बस हार के अंतर को कम कर पाए. भारत वर्ल्डकप का फाइनल सवा सौ रन से हार गया.
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जहीर का वह पहला ओवर नहीं, गांगुली के इस मिस्टेक से 2003 वर्ल्डकप का फाइनल हारी थी टीम इंडिया