डीएनए हिंदी: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अंचिता शेयुली ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. हावड़ा से कुछ दूर देयुलपुर में है. मेडलवीर बेटे को देखने के लिए मीडिया के साथ आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में जुटे थे. मां ने बेटे के स्वागत के लिए काफी तैयारी की थी लेकिन घर में इतनी जगह नहीं है कि कहीं वह अपने बेटे के मेडल और ट्रॉफियां सजा सकें. उन्होंने घर के ही एक स्टूल पर साड़ी के टुकड़े में लपेटकर सारे मेडल रखे थे.
अंचिता ने सफलता का श्रेय मां को दिया
मीडिया से बात करते हुए 20 साल के वेटलिफ्टर ने कहा कि पिता के निधन के बाद मां ने मेहनत-मजदूरी करके हमको पाला है. हमारे पास इतने भी पैसे नहीं थे कि अपना पेट भर सकें. मजबूरी में हम दोनों भाई साड़ियों में जड़ी लगाने का काम करने लगे थे. इस युवा खिलाड़ी की उपलब्धि पर परिवार ही नहीं आस-पड़ोस के लोगों को भी नाज है.
अंचिता ने अपनी कामयाबी का श्रेय मां और पूर्णिमा शेयुली और कोच अस्तम दास को दिया है. उन्होंने कहा कि मेरी मां और कोच सर ने कदम-कदम पर मेरा साथ दिया है और इस वजह से मैं यह कामयाबी हासिल कर पाया हूं. मेरे लिए यहां तक पहुंचने का रास्ता बहुत मुश्किल था.
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सरकार से मदद की मांग की
अंचिता ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में आगे बढ़ने के लिए बहुत मेहनत की है लेकिन सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए. अंचिता को उम्मीद है कि इस सफलता के बाद सरकार की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा.
बेटे की उपलब्धि पर मां फूली नहीं समा रही हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं लोगों को बता नहीं सकती हूं कि अपने बच्चों की परवरिश में मैंने कैसे-कैसे संघर्ष किया है. मेरा बेटा आज गोल्ड मेडल लेकर लौटा है और मुझे इसकी खुशी है.
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घर लौटे मेडलवीर अंचिता शेयुली, मीडिया से मां ने कहा, 'साड़ी में लपेटकर रखे हैं इसके सारे मेडल '