डीएनए हिन्दी: फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup 2022) का रोमांच अपने चरम की तरफ बढ़ता जा रहा है. एशिया की रिकॉर्ड 6 टीमें इस बार वर्ल्ड कप में खेल रही हैं. इनमें से 3 टीमें राउंड 16 में पहुंचीं. राउंड 16 में अर्जेटीना से हारकर ऑस्ट्रेलिया बाहर हो चुकी है. अब भी दो एशियाई टीमों पर नजरें टिकी हुई हैं. ये टीम हैं, साउथ अफ्रीका और जापान. जापान (Japan) से कुछ ज्यादा ही उम्मीद है. ऐसा लग रहा है कि जापान इस बार इतिहास भी रच सकता है. ध्यान रहे कि ऑस्ट्रेलिया एशियन फुटबॉल एशोसिएशन का ही हिस्सा है.
जापान की टीम में जबर्दस्त कॉओर्डिनेशन देखने को मिल रहा है. जापान ने टूर्मामेंट में धमाकेदार शुरुआत की. ग्रुप स्टेज के अपने पहले ही जापान ने 4 बार के वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी को 2-1 से हराकर सबको चौंका दिया. यह पहला संकेत था जब जापान ने दुनिया को बता दिया कि वह किसी के लिए खतरा हो सकता है. ग्रुप E में न सिर्फ जर्मनी बल्कि 2010 के चैंपियन स्पेन को भी धूल चटाकर राउंड 16 में जगह बनाई है. हालांकि, इन दोनों से कमतर कोस्टारिका से 1-0 से हार भी झेलनी पड़ी थी.
जर्मनी और स्पेन के खिलाफ जापान का खेल तो देखते बना था. दोनों मैचों में जापानी टीम छाई रही. जापानी टीम फुटबॉल के हर विधा दोनों टीमों से बेहतर दिख रही थी.
अगर जापान आज के मैच में क्रोशिया (Croatia) को हरा देता है तो वह वैसे ही इतिहास रच देगा. पहली बार जापानी टीम क्वॉर्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल होगी.
फीफा के इतिहास में पहली बार जापान की टीम ने 1998 में क्वॉलिफाई किया थी. इसके पहले कभी भी वर्ल्ड कप में जापान की टीम नहीं खेल पाई थी. 1950 में तो उसे फीफा से सस्पेंड भी कर दिया गया था.
The Quarter-Finals are starting to take shape 👀#FIFAWorldCup | #Qatar2022
— FIFA World Cup (@FIFAWorldCup) December 4, 2022
1998 के ग्रुप स्टेज में तीनों मैचों में उसकी बुरी हार हुई. अर्जेंटीना, जमैका और क्रोशिया वाले ग्रुप में उसे हार का मुंह देखना पड़ा था. 1998 के वर्ल्ड कप में उसे 32 टीमों में 31वें पायदान पर संतोष करना पड़ा.
2002 के वर्ल्ड कप का जापान आयोजक था. होस्ट कैटिगरी के तहत उसे वर्ल्ड कप खेलने का मौका भी मिला. जापान 2002 में अपने होम ग्राउंड पर बेहतरीन प्रदर्शन किया. जापानी टीम ने ग्रुप स्टेज में न सिर्फ रशिया और ट्यूनिशिया की टीम को हराया बल्कि बेल्जियम के साथ ड्रॉ भी खेला. राउंड 16 में उसका मुकाबला तुर्की से था. कड़े मुकाबले में वह तुर्की से 1-0 से हार गया.इस बार उसने 32 टीमों में 9वां स्थान हालिस किया.
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2014, 2018 में भी जापान ने फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई किया लेकिन ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाया. कतर में हो रहे इस वर्ल्ड कप में जापान ने अपनी मौजूदगी का धमाकेदार अहसास करवाया है. फुटबॉल के जानकारों का मानना है कि जापानी टीम इस बार खिताब के दावेदारों में से एक है. टीम का अटैक जितना बढ़िया है, डिफेंस भी उतना ही मजबूत है. टीम पूरी तरह से बैलेंस लग रही है.
राउंड 16 के मैच में आज (सोमवार) जापान का मुकाबला क्रोशिया से है. क्रोशिया की टीम भी बैलेंस है, जापान ने ग्रुप स्टेज में जिस तरह का खेल दिखाया है, उसे देखकर लग रहा है कि जापानी टीम क्रोशिया पर भारी पड़ने वाली है. जापान अगर आज के मैच में क्रोशिया को हरा देता है तो क्वॉटर फाइनल में उसका मुकाबला ब्राजिल और साउथ कोरिया के बीच होने वाले विजेता से होगा.
जहां तक फीफा में एशियाई टीमों के बेस्ट प्रदर्शन का सवाल है, 2002 में टोक्यो में खेले गए वर्ल्ड कप में साउथ कोरिया की टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. यह एशियाई टीमों की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. उम्मीद है जापान इस बार एशिया के प्रशंसकों को निराश नहीं करेगा और पहली बार फीफा वर्ल्ड कप एशियाई कब्जे में लाने की कोशिश करेगा.
वैसे आज के मैच में जीत मिलते ही जापान खुद के लिए इतिहास रच लेगा, लेकिन एशिया के फुटबॉल प्रेमियों की इच्छा है कि जापान इस बार उनके लिए वर्ल्ड कप जीते.
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एशियाई उम्मीदें जापान पर, आज FIFI वर्ल्ड कप में रच सकता है इतिहास