Kashi Vishwanath Mandir: काशी नगरी जिसे भगवान भोले का स्थल भी कहा जाता है. आज के समय में काशी को वाराणसी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है. वाराणसी और बनारस कैसे शिव की नगरी बनी आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर इस बारे में जानते हैं. बता दें कि, काशी को पूरे विश्व में सबसे प्राचीन शहर माना जाता है जिसकी स्थापना स्वयं भोलनाथ ने की थी. ऐसी मान्यता है कि यह शहर भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ है.
काशी बनारस को लेकर और भी कई दिलचस्प किस्से और बातें जुड़ी हुई हैं. काशी में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है. काशी के इस मंदिर को विश्वेश्वर नाम से भी जाना जाता है. काशी शहर गंगा के किनारे बसा हुआ है. काशी की गली-गली में भगवान शिव के कई मंदिर हैं. इस शहर का इतिहास हजारों साल पुराना है.
काशी का इतिहास
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काशी शहर कभी भगवान शिव का निवास स्थान हुआ करता था. काशी शहर की स्थापना भगवान शिव ने करीब 5000 वर्ष पूर्व की थी. काशी का वर्णन रामायण, महाभारत और ऋग्वेद में भी मिलता है. इसके साथ ही स्कंद पुराण में लगभग 15000 श्लोकों में काशी नगर की महिमा का गान किया गया है.
भगवान शिव को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए ये फल, नाराज हो जाते हैं महादेव
भगवान शिव और काशी
भगवान शिव का काशी से सबसे बड़ा संबंध माना जाता है कि, काशी की स्थापना भगवान शिव ने ही की थी. शिव जी ने काशी को पृथ्वी पर अपना घर चुना था. मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव सर्दियों में काशी में रहने आते थे. भगवान शिव पहले तपस्वी थे, जो हिमालय पर रहते थे. लेकिन देवी पार्वती से शादी के बाद पारिवारिक जीवन शुरू करने के लिए वह काशी आए और यहां शानदार शहर बसाया था.
भगवान शिव और देवी पार्वती को बाद में राजनैतिक कारणों से काशी को छोड़कर जाना पड़ा था. वह काशी छोड़कर काशी छोड़ कर मंदार पर्वत पर गए. आज भी मान्यता है कि, काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुई है और इस शहर पर भगवान शिव की विशेष कृपा है. भगवान शिव ने काशी में विश्वनाथ-ज्योतिर्लिंग के रूप में खुद को स्थापित किया. काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है. काशी विश्वनाथ-ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए देशभर से लोग आते हैं.
खबर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

Mahashivratri 2025
कैसे भोलेनाथ का स्थान बनी काशी? 'शिव की नगरी' से मिली पहचान, जानें रहस्यों में छुपे हुए कई राज