साल 2024 को शनि का साल कहा गया है और माना जाता है शनि न्याय के देवता है और वह हर गलत करने वालों को उसके कर्मों की सजा जरूर देते हैं लेकिन आखिर ऐसा क्या था कि खुद शनिदेव को भगवान शंकर ने 19 साल तक उलटा लटका के रखा था.
शनि का नाम लेने से भी आम आदमी को डर लगता है. लेकिन शनिदेव को 19 साल की सजा भी हुई और क्या आप जानते हैं कि ये सजा किसने दी थी? शनि और शिव के बीच भयंकर युद्ध हुआ. यह युद्ध इतना भयंकर ढंग से लड़ा गया कि भगवान शंकर को अपनी तीसरी आंख खोलनी पड़ी. अपनी तीसरी आंख खोलने के बाद, भगवान शिव और शंभु के सामने क्रोधित हो गए. तब भगवान शिव ने शनिदेव को 19 वर्ष की सजा दी.
दरअसल, धार्मिक और पौराणिक कथाओं की मानें तो सूर्य देव ने अपने सभी पुत्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अलग-अलग लोकों का स्वामी बनाया था, लेकिन शनि देव इस बंटवारे से खुश नहीं थे. इसके बाद शनि ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल दुनिया पर कब्ज़ा करने के लिए किया और यहां तक कि उन जगहों पर भी जहां उन्हें यह हासिल नहीं हुआ था. जानिए क्या है ये मजेदार कथा.
सूर्यदेव की नाराजगी
जब भगवान सूर्य को पता चला कि शनि ने उन्हें बिना बताए कुछ स्थानों पर अधिकार कर लिया है और यह सही नहीं है, तो वे शनि देव के इस कृत्य से बहुत दुखी हुए. इसके बाद सूर्य देव मदद मांगने के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे. भगवान सूर्य की बात सुनकर भगवान शिव ने अपने गणों को शनिदेव से युद्ध करने के लिए भेजा. शक्तिशाली शनि ने सभी को परास्त कर दिया. इससे भगवान शिव और क्रोधित हो गए और उन्होंने स्वयं युद्ध में उतरने का निर्णय लिया.
शिवशंकर स्वयं युद्धभूमि में
इसके बाद भगवान शिव को स्वयं युद्ध भूमि में जाना पड़ा. दोनों के बीच घमासान और घमासान युद्ध चल रहा था. इसी बीच शनि ने भगवान शंकर पर घातक दृष्टि डाली. जब शिव ने देखा कि शनि ने अपनी घातक दृष्टि का प्रयोग किया है, तो उन्होंने तुरंत अपनी तीसरी आंख खोल दी. जैसे ही उनकी तीसरी आंख खुली, शनिदेव स्तब्ध रह गये और उनका अहंकार चूर-चूर हो गया. क्योंकि शिव शंकर से अधिक शक्तिशाली और शक्तिशाली कोई नहीं है. अब तक सभी ने यही सुना है कि शिव का क्रोध सभी देवताओं में सबसे अधिक है और वही क्रोध शनि पर भी बरसा था
भगवान शंकर द्वारा दण्डित किया गया
भगवान शिव ने शनिदेव को दंडित करने के लिए उन्हें पिंपल के पेड़ पर 19 साल के लिए उल्टा लटका दिया था. इस दौरान शनिदेव 19 वर्षों तक भगवान शंकर की आराधना करते रहे और तब जाकर शनिदेव को इससे मुक्ति मिली. यही कारण है कि किसी भी व्यक्ति पर जब शनि की महादशा आती है तो उसकी उम्र 19 वर्ष हो जाती है. कुंडली में शनि की पहली महादशा आमतौर पर 19 वर्ष की उम्र में देखने को मिलती है. उससे पहले शनि कभी किसी को परेशान नहीं करते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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भगवान शंकर ने शनिदेव को 19 वर्ष तक उलटा क्यों लटकाया था, क्यों हुआ था शनि-शिवजी का युद्ध?