रंग पंचमी के दिन लोग एक-दूसरे को गहरे रंग लगाकर शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन देश के विभिन्न भागों में विभिन्न परम्पराएं भी मनाई जाती हैं. जानें इस बार कब है रंग पंचमी और क्यों मनाई जाती है ये...
2025 में रंगपंचमी कब है?
रंगपंचमी का त्यौहार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार तिथि बुधवार, 19 मार्च है, यानी इसी दिन रंग पंचमी मनाई जाएगी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रंगपंचमी 18 मार्च को रात 10:09 बजे शुरू होगी और 20 मार्च को रात 12:36 बजे समाप्त होगी. जयंती के उपलक्ष्य में 19 मार्च को रंगपंचमी मनाई जाएगी.
रंगपंचमी 2025 शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- शाम 04.51 बजे से शाम 5.38 बजे तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02.30 बजे से 03.54 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 6.29 से 6.54 तक
निशिता मुहूर्त - दोपहर 12.05 बजे से 12.52 बजे तक
इसलिए मनाते हैं रंग पंचमी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण और राधारानी ने एक साथ होली खेली थी. यहां तक कि देवी-देवता भी इस होली को देखने के लिए धरती पर आये. इसी कारण से हर साल रंग पंचमी मनाई जाती है.
पौराणिक कथा के अनुसार, जब हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका के साथ अग्नि में बैठा तो वे दोनों 5 दिनों तक उस अग्नि में रहे. पांचवें दिन होलिका मर गयी और प्रह्लाद बच गया. यह देखकर लोग उत्साहित हो गए और सभी ने रंगों के साथ जश्न मनाया. तभी से रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाने लगा.
मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला गांव में स्थित राम जानकी मंदिर में रंगपंचमी पर मेला लगता है. इस मंदिर में माता जानकी, उनके पुत्रों लव-कुश और गुरु वाल्मीकि की मूर्तियां स्थापित हैं. कहा जाता है कि माता सीता ने यहीं लव-कुश को जन्म दिया था.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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Rang Panchapmi 2025
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