हिंदू धर्म में शादी-विवाह से पहले शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat) देखना बहुत ही जरूरी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जब शादी उसी मुहूर्त में की जाती है तभी शादी को पूर्ण और सफल माना जाता है. साथ ही शादी अगर शुभ मुहूर्त और ज्योतिष के नियमों को ध्यान में रखते हुए की जाती है तो दांमपत्य जीवन (Married Life) में सदैव समृद्धि बनी रहती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चातुर्मास (Chaturmas 2024) 17 जुलाई से दिन बुधवार से शुरू हो रहा है और इसी माह सावन शुरू हो रहा है. शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास-सावन में विवाह जैसे शुभ कार्यों को आयोजन नहीं किया जाता है...
चातुर्मास में क्यों नहीं होता शादी-विवाह?
जुलाई में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) है और देवशयनी एकादशी के बाद ही चातुर्मास शुरू हो जाते हैं, जिसमें सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह आते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार चातुर्मास में देवों का शयनकाल रहता है और इसलिए चातुर्मास के दौरान सभी मांगलिक कार्य पर रोक लगा दी जाती है.
इसके अलावा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस महीने में सूर्य संक्रांति (Sankranti) नहीं होती है वह महीना निकृष्ट, मलिन माना जाता है. बता दें कि अधिकमास में भी सूर्य संक्रांति नहीं होती और इस महीने में किसी प्रकार के शुभ, मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. इसका शुभ परिणाम नहीं मिलता.
जुलाई के बाद अब कब बजेंगी शहनाई
पंचांग के अनुसार 15 जुलाई के बाद शादी के लिए अब आपको चार महीने का इंतजार करना होगा. 12 नंवबर को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani ekadashi) पर चातुर्मास समाप्त होगा, जिसके बाद ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे.
नवंबर में कब है शुभ मुहूर्त - 16, 17,18, 22, 23, 24, 25, 26, 28 नवंबर.
दिसंबर में कब है शुभ मुहूर्त - 2, 3, 4, 5, 9 , 10 , 11, 13, 14, 15 दिसंबर.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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सावन-चातुर्मास में क्यों नहीं करते हैं शादी-विवाह? जानें कब से बजेंगी शहनाई