Vivah Gun Milan: हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में से एक माना जाता है. सनातन धर्म में शादी से पहले लड़के और लड़की की कुंडली का मिलान भी किया जाता है और उनके गुणों को एक-दूसरे से मिलाते हुए देखा जाता है. शादी में कई रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. इसके साथ ही शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की कुंडली का मिलान भी किया जाता है. वर-वधू के 36 गुणों में से कितने गुण शुभ माने जाते हैं?
व्यक्ति के जीवन में शादी एक अहम भूमिका निभाती है. हिंदू धर्म में, शादी (हिंदू विवाह) से पहले, लड़के और लड़की के परिवार पंडितों को उनकी कुंडली दिखाते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे शादी के बाद एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे.
हिंदू धर्म में विवाह शुभ तिथि और शुभ समय देखकर ही किया जाता है. शादी दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन है. शादी में भी कई रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. इसके साथ ही शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की कुंडली का मिलान भी किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में 36 बिंदु होते हैं. विवाह के समय वर-वधू के 36 गुणों में से कितने गुण शुभ माने जाते हैं?
जन्म के समय तिथि, ग्रह, नक्षत्र और स्थिति को देखकर कुंडली बनाई जाती है और विवाह के समय पति-पत्नी की कुंडली का मिलान किया जाता है. एक सफल पति के लिए पति-पत्नी के बीच गुणों का मेल होना बहुत जरूरी है, इसलिए शादी करने से पहले पति-पत्नी की कुंडली देख लेनी चाहिए.
कितने अंक होना अच्छा है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लड़के और लड़की की शादी से पहले कुंडली में राशि और नाम के अनुसार गुण का मिलान करना जरूरी होता है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में कुल 36 बिंदु होते हैं. 36 में से 16 अंक से कम का स्कोर अशुभ माना जाता है. इसके अलावा 32 से अधिक अंक होना भी शुभ नहीं माना जाता है.
कुंडली में गुणों के अलावा इन चीजों का विशेष महत्व होता है
कुंडली में लड़के और लड़की के गुण ही नहीं दिखते, बल्कि गण भी एक समान होने चाहिए. गण तीन प्रकार के होते हैं: राक्षस गण, देव गण और मानव गण. यदि पति-पत्नी दोनों एक ही गण के हों तो यह बहुत शुभ माना जाता है. इसके साथ ही अगर पति-पत्नी की कुंडली में नाड़ी एक ही हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है. पति-पत्नी की कुंडली में नाड़ी दोष नहीं होना चाहिए. तभी विवाह शुभ माना जाता है. यदि कुंडली में सब कुछ सही है तो ग्रह अनुकूल होने चाहिए. ग्रह अनुकूल हों और गण-गुण मेल न खाते हों तो भी विवाह शुभ माना जाता है.
कुंडली में 36 अंक
नाड़ी के 8 गुण
भकूट के 7 अंक
सामुदायिक मैत्री के 6 बिंदु
ग्रहों की मित्रता के 5 सूत्र
योनि मैत्री के 4 बिंदु
स्टार पावर के 3 गुण
विषय के 2 गुण
चरित्र का 1 बिंदु
इतने सारे पॉइंट होने चाहिए
कुंडली के अनुसार 36 अंकों में से एक लड़के और एक लड़की के लिए कम से कम 18 अंक माने जाते हैं. यदि एक साथ कम अंक मिलते हैं तो माना जाता है कि सफल विवाह की संभावना कम हो जाती है या विवाह टूटने का डर रहता है. अतः यदि अंक 18 से कम है तो विवाह संभव नहीं है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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विवाह में 36 गुणों के साथ इन अंकों का मिलना होता है शुभ, कुंडली मिलान करते समय इन बातों का रखें ध्यान